भोपाल: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में जल संकट के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शहरी इलाकों में तो हर तीसरे दिन जल प्रदाय किया जा रहा है, किन्तु ग्रामीण इलाकों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. हालत यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अब पानी की एक एक बूंद के लिए भी तरसना पड़ रहा हैं. ज्यादातर नलकूप कुएं और हैंडपंप बंद हो चुके हैं और लोगों को कई किमी पानी की खोज में भटकना पड़ रहा है. जिला मुख्यालय से सटे दौलतपुरा गांव में तो लोग स्लेट पेंसिल खदानों का दूषित पानी पीने को विवश हैं.
मंदसौर शहर से केवल 2 किमी दूर दौलतपुरा गांव के लोगों को पेयजल के लिए स्लेट पेंसिल की गहरी खदानों के दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. कचरे और प्रदूषित पानी से भरी इन खदानों के कच्चे गहरे रास्ते पर कोई भी एक भूल जानलेवा हो सकती है, किन्तु जल संकट के कारण यहां के रहवासी इन खदानों का दूषित पानी पीने को विवश हैं.
दौलतपुरा के रहने वाले राजू बाई बताती है की उन्हें पेयजल के लिए स्लेट पेंसिल की इन खदानों पर ही आश्रित रहना पड़ता है. वे प्रति दिन इसी तरह जोखिम उठाकर कर खदानों से पानी भरती हैं. उनकी गैर मौजूदगी में उनके बच्चे इन खदानों से पानी ले जाते हैं. वे चाहती हैं कि सरकार उनकी बात सुने और उनकी समस्या का हल निकाले. उनका यह भी कहना है कि जल संकट के कारण गांव के युवाओं की शादी में भी काफी परेशानियां आती हैं.
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