जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर भीषण जलसंकट से जूझ रहा है, किन्तु इसके बाद भी जलदाय विभाग की लापरवाही समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है. शहर में 34 करोड़ की लागत से खोदे जाने वाले 279 ट्यूबवेल की लगभग एक महीने पहले अनुमति मिल गई थी, किन्तु इसके बाद भी अब तक जलदाय विभाग ने इसके लिए कार्य आरंभ नहीं किया है.
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एक ओर बीसलपुर बांध निरन्तर खाली होता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ ट्यूबवेल न खुदने के कारण पानी का संकट निरन्तर गहराता चला जा रहा है. ऐसे में यदि सही समय पर जयपुर में ट्यूबवेल नहीं खोदे गए तो गर्मी के मौसम में पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा. अब तक नए ट्यूबवेल की खुदाई के लिए आदेश जारी नहीं हुए है. फाइलें अब तक सचिवालय में के ही चक्कर लगा रही हैं. बीसलपुर बांध में 22.50 प्रतिशत से भी कम पानी शेष है. जल स्तर में रोजाना एक सेमी की गिरावट देखी जा रही है.
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इसके बाद भी जलदाय विभाग के इंजीनियर नए ट्यूबवेल खुदवाने और पुराने ट्यूबवेल की मरम्मत करवाने में लापरवाही बरत रहे हैं. शहर में 34.92 करोड़ रुपए की लागत से 279 ट्यूबवेल खोदे जाने के रेट कॉन्ट्रेक्ट के टेंडर को प्रमुख सचिव संदीप वर्मा की वित्तीय समिति ने पहले ही ऑनफाइल फाइनेंशियल और प्रशासनिक अनुमति प्रदान कर दी थी, लेकिन फिर भी नए ट्यूबवेल के वर्क ऑर्डर नहीं हुए हैं.
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