क्या देश का विभाजन करने के पक्ष में थे सरदार वल्लभभाई पटेल ?
क्या देश का विभाजन करने के पक्ष में थे सरदार वल्लभभाई पटेल ?
Share:

हाल ही में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान दिया था, जिसमे उन्होंने देश के विभाजन को एक ऐतिहासिक भूल बताया था। उनके इस बयान का समर्थन जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस (NC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने भी किया था। लेकिन आज़ादी के वक़्त भी एक ऐसे नेता थे, जिन्हे किसी भी कीमत पर भारत का विभाजन मंजूर नहीं था। उनका नाम था सरदार वल्लभ भाई पटेल, जो आज़ादी के बाद देश के पहले गृह मंत्री भी बने थे। 

भारत के कई स्वाधीनता संग्राम सेनानियों ने देश को आज़ाद करवाने के लिए कड़े प्रयास किए थे। स्वाीधनता संग्राम सेनानियों के प्रयास के चलते भारत आजाद तो हो गया और देश को अपने अधिकार क्षेत्र के आसमान में अपना ध्वज फहराने की और तमाम आजादी मिली। लेकिन इस प्रयास में भारत का विभाजन भी हुआ जिसे एक बड़ी घटना माना जाता है। वर्ष 1947 को हुई इस घटना को लेकर यह बात सामने आई है कि स्वाधीन भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत विभाजन के पक्ष में नहीं थे।

उन्हें भारत के बंटवारे की बात किसी भी शर्त पर स्वीकार नहीं थी। उन्होंने 5 जुलाई 1947 को रियासतों को लेकर अपनी नीति साफतौर पर सामने रखी। उन्होंने रियासतों को तीन विषयों, सुरक्षा, विदेश और संचार व्यवस्था के आधार पर भारतीय संघ में शामिल करने का प्रयास करने का विचार सामने रखा। देशी रियासतें भारतीय संघ में विलय होना नहीं चाहती थीं। इन रियासतों में हैदराबाद, जूनागढ़ व कश्मीर प्रमुख थे।

पटेल ने पीवी मेनन के साथ मिलकर देशी राजाओं को समझाईश भी दी थी। जूनागढ़ के विरूद्ध बहुत विरोध हुआ तो वहां से नवाब पाकिस्तान की ओर चला गया। हैदराबाद के विरूद्ध जब सैन्य बल भेज दिया गया तो हैदराबाद निजाम ने आत्मसमर्पण कर दिया। जूनागढ़ और हैदराबाद को भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया था। रियासतों के विलय के लिए कहीं राजाओं को मनाना पड़ा तो कहीं रियासतों पर दबाव डाला गया। पटले भारत को अखंडतौर पर जोड़े जाने की संकल्पना के साथ आगे बढ़े थे लेकिन प्रथम प्रधानमंत्री स्व. नेहरू द्वारा कश्मीर को अंतर्राष्ट्रीय समस्या बता देने से कुछ मुश्किल हुई। पटेल ने जिस कुशलता से लक्ष्यद्वीप को भारत में मिलाया वह अतुलनीय है।

16, 17 दिसंबर को बैंक यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया

रूस से S-500 एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम खरीद सकता है भारत, उड़ेगी चीन-पाक की नींद

यूके हाईकोर्ट ने भारत के प्रत्यर्पण के खिलाफ नीरव मोदी की याचिका पर सुनवाई शुरू की

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -