अपने ऑनलाइन सर्विसेज को बेहतर बनाने के लिए और लोगो को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए दिन प्रतिदिन नए-नए उपदटेस देखने को मिलते हैं. सिक्योरिटी सिस्टम को ध्यान में रखते हुए, नए फीचर जारी किये जा सकते हैं, जिसमे वॉयस आधारित वेरिफिकेशन भी होगा. इस फीचर के तहत ऑनलाइन भुगतान के लिए ग्राहकों की आवाज के जरिए उनकी पहचान की जाएगी जिससे मोबाइल पेमेंट फोरम ऑफ इंडिया (MPFI) जारी करेगा.
वॉयस सत्यापन क्यों है जरुरी:
MPFI के चेयरमैन गौरव रैना की मानें तो वॉयस आधारित भुगतान का वेरिफिकेशन एक सुरक्षित तकनीक है जिसका उद्देश्य मोबाइल पेमेंट्स और वित्तीय सेवाओं को सुरक्षित, प्रभावी और सस्ता बनाना है. इस फीचर से ऑनलाइन भुगतान को आसान बनाया जा सकता है वहीँ यह चीज़ बुजुर्गों के लिए मुश्किल साबित हो सकती हैं इसिलए बुज़ुर्गों का वेरिफिकेशन कंपनी कॉल द्वारा करेगी.
रैना ने बताया कि उनका फोकस भविष्य की तकनीक पर है जिसमें वॉयस आधारित वेरिफिकेशन और सिक्योकरिटी एंड प्राइवेसी भी शामिल है. रैना ने यह भी बताया कि अगस्त 2017 में IMPS और UPI के जरिए 9 करोड़ से ज्यादा का ऑनलाइन लेन-देन किया गया है. वहीं, वर्ष 2016-17 में IMPS के जरिए 50 करोड़ का लेन-देन किया गया था. अब देखना होगा कि सरकार द्वारा ये फैसला लोगो के लिए कितना कारगर साबित होता हैं.
टेक्नोलॉजी में पढिये नए गैजेट्स, इंस्ट्रूमेंट्स, मोबाइल अप्प्स से जुडी मज़ेदार बातें और किस तरह आप भी बन सकते है स्मार्ट मोबाइल यूजर.
यहाँ करें अमेज़न के खास ऑफर में अपने स्मार्टफोन की डील