वो हमारा इम्तेहाँ क्या लेगी, मिलेगी नजरों से नजर तो नजर झुका लेगी, उसे मेरी कब्र पर दिया जलाने को मत कहना, वो नादान है दोस्तो अपना हाथ जला लेगी