नई दिल्ली: RTI एक्टिविस्ट विवेक पांडे द्वारा प्राप्त सूचना के अधिकार (RTI) के जवाब ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस RTI में ‘मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना’ के नाम पर धन के इस्तेमाल को लेकर सवाल किए गए थे, जिसमें केजरीवाल सरकार ने पैसों के विषय में 2 अलग-अलग RTI में अलग-अलग जवाब दिए और 45 करोड़ रुपए की गड़बड़ी भी सामने आई है।
*RTI filed to #DLJBD seeking information on Mukhyamantri Septic Tank Safai Yojna.
— Vivek pandey (@Vivekpandey21) December 18, 2021
Two same RTIs but different replies.
Fund released in yr 19-20 = 5 cr.
In recent RTI - 50 cr.
*Then what happened to rest 45 cr. rupee's ?#Delhi #RTI #AAP pic.twitter.com/0EUV3o8qHz
दरअसल, इस योजना की शुरुआत दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2019 में स्वच्छता कर्मचारियों की सुरक्षा और कचरे के उचित प्रबंधन के नाम पर की थी। इसके मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को राजधानी दिल्ली में सेप्टिक टैंकों की सफाई और देखरेख के लिए 80 ट्रक तैनात करने थे। इसी संबंध में शुक्रवार (17 दिसंबर, 2021) को RTI एक्टिविस्ट विवेक पांडे द्वारा डाली गई एक RTI का DJB द्वारा जवाब दिया गया। इस RTI के जवाब से बताया गया कि दिल्ली सरकार ने वर्ष 2019-20 के लिए 50 करोड़ और वर्ष 2020-21 के लिए 110 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। ध्यान देने वाली बात यह है कि वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने आवंटित किए गए किसी भी फंड का इस्तेमाल ही नहीं किया था। साथ ही केजरीवाल सरकार ने 2020-21 के लिए 113.35 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि आवंटित रकम 110 करोड़ रुपए थी। इसी प्रकार सामान स्थिति 2021-22 के लिए देखी गई, इन वर्षों के लिए दिल्ली सरकार ने कोई फंड आवंटित न होने के बाद भी 4.96 करोड़ रुपए खर्च कर डाले।
इससे पहले 24 फरवरी, 2021 को विवेक द्वारा ही एक अन्य RTI दाखिल की गई थी। इसके जवाब ने दिल्ली सरकार की मंशा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए। इस RTI के जवाब में 2019-20 के लिए 5 करोड़ के फंड आवंटन की बात कही गई थी। जबकि दिसंबर वाली RTI में यह रकम 50 करोड़ रुपए तक पहुँच गई। दोनों RTI के जवाबों से यह स्पष्ट हो गया कि आवंटित राशि का जनता के लिए कोई इस्तेमाल नहीं किया गया था। इसके साथ ही विवेक पांडे ने 45 करोड़ गायब होने पर भी सवाल खड़े किए।
उन्होंने दोनों RTI के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ट्वीट किया कि “मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना के संबंध में जानकारी माँगने के लिए #DLJBD में RTI दाखिल की गई। इस पर दो समान RTI में अलग-अलग जवाब मिला। साल 19-20 में जारी फंड 5 करोड़ था और हाल ही की RTI में 50 करोड़। 45 करोड़ रुपयों का क्या हुआ?' मीडिया से बात करते हुए पांडे ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर पाइप मौजूद नहीं हैं और इसलिए उन क्षेत्रों में सेप्टिक टैंक की बड़ी जरुरत है। पर्याप्त धन मिलने के बाद भी DJB इसका इस्तेमाल करने में नाकाम रहा है।
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