विटामिन डी का बच्चों पर असर
विटामिन डी का बच्चों पर असर
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कहा जाता है कि बच्चे के जन्म लेने के बाद, उसके लिए मां का दूध अमृत समान होता है. इसी तरह उसके जन्म लेने के पहले एक साल में उसके स्वास्थ्य के लिए विटामिन-डी का सेवन, उसकी अधिक मांसपेशियों का निर्माण और वसा कम करने में मददगार साबित हो सकता है. कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी के क्लीनिकल न्यूट्रिशन रिसर्च यूनिट की निदेशक होप वीलर ने बताया कि “हम विटामिन-डी के द्वारा शिशुओं में न केवल स्वस्थ हड्डियों, बल्कि स्वस्थ मांसपेशियों और कम वसा की मात्रा की संभावना को जानने में उत्सुक थे”.

इस निष्कर्ष का पता लगाने के लिए अध्ययनकर्ताओं ने क्यूबेक प्रांत के 132 शिशुओं पर अध्ययन किया. इस दौरान इन शिशुओं को एक से 12 महीने तक विभिन्न चरणों में विटामिन-डी अनुपूरक का सेवन कराया गया. शोधकर्ताओं ने शिशुओं की मांसपेशियों और वसा के मांस को मापने के लिए, बॉडी स्कैन की सहायता से हड्डियों के डेनसिटी का आंकलन किया.

शोध के अनुसार, तीन साल की आयु तक जिन बच्चों में विटामिन-डी का उच्च स्तर था, ऐसे बच्चों में औसतन 450 ग्राम कम वसा पाई गई. इन निष्कर्षों ने शिशुओं के पहले साल में मज़बूत हड्डियों के विकास के लिए, रोज़ाना 400 यूनिट विटामिन-डी अनुपूरक के महत्व की पुष्टि की है.

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