करते हैं नौकरी तो हो सकती है विटामिन डी की कमी, इस तरह रखे अपना ध्यान
करते हैं नौकरी तो हो सकती है विटामिन डी की कमी, इस तरह रखे अपना ध्यान
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नौकरी करने वालों के भीतर विटामिन डी की कमी का खतरा बना रहता है। आपको बता दें कि विटामिन डी की कमी तब होती है जब आपके शरीर में पर्याप्त विटामिन डी नहीं बनता। जी हाँ और इसकी कमी आपकी हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याओं के लिए जिम्मेदार होता है। जी दरअसल विटामिन डी एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर की हड्डियों के विकास और रखरखाव के लिए आवश्यक होता है। आपको बता दें कि अल्बर्टा विश्वविद्यालय, कनाडा के रिसर्चर्स द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि शिफ्ट में काम करने वालों, स्वास्थ्य कर्मियों और विशेष रूप से इनडोर वर्कर्स में विटामिन डी की कमी का ज्यादा जोखिम होता है।

ऐसे में शोधकर्ताओं ने पाया है कि शिफ्ट वर्कर्स के 80 प्रतिशत व्यक्तियों, इनडोर श्रमिकों के 77 प्रतिशत और हेल्थकेयर छात्रों के 72 फीसदी लोगों में इसकी कमी पाई गई। वहीं स्वास्थ्य कर्मियों के बीच विटामिन डी की कमी की दर इस बात पर निर्भर करती है कि वे क्या हैं। आपको बता दें कि इनमें छात्र, मेडिकल रेजीडेंट (65 प्रतिशत), डॉक्टर (46 प्रतिशत), नर्स (43 प्रतिशत) या दूसरे हेल्थकेयर पेशेवर (43 प्रतिशत) शामिल रहे। आपको बता दें कि विटामिन डी नर्वस सिस्टम, मस्कुलोस्केलेटल (musculoskeletal) सिस्टम और इम्यून सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है।

जी दरअसल विटामिन डी की कमी दुनिया भर में आम होती जा रही है, यहां तक कि अधिक धूप पड़ने वाले देशों में भी। जागरूकता बढ़ाकर और सप्लीमेंट आहार को बढ़ावा देकर इस समस्या को हल करने के अलावा, यह जानना महत्वपूर्ण है कि ऐसा क्यों हो रहा है ताकि समस्या को उसके जड़ से खत्म किया जा सके।

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विशेषज्ञ का कहना है, “कामकाजी वर्ग के लोगों को पूरक आहार पर निर्भर रहना चाहिए क्योंकि उनके पास ताजे फल या सब्जियां खाने का समय नहीं होता है। वे बड़े अंतराल के बाद भोजन करते हैं और ज्यादातर बाहर खाते हैं। इस वजह से कामकाजी वर्ग के लोगों को पूरक आहार लेना चाहिए।” इसी के साथ उन्होंने आगे कहा, “मार्केट में उपलब्ध सभी उत्पाद हेल्दी या ओरिजनल नहीं हैं, इसलिए सभी को शरीर में विटामिन और खनिजों की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहने की जरूरत है।”

वहीं आगे विस्तार से उन्होंने कहा, “अगर किसी व्यक्ति में विटामिन डी की कमी है तो इससे जोड़ों में दर्द या दांतों की समस्या हो सकती है। शरीर में विटामिन डी की कमी वाले व्यक्ति को हड्डी से संबंधित कोई भी समस्या हो सकती है। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य का प्रकाश है। यह त्वचा और हड्डियों के लिए भी अच्छा होता है। मछली, बादाम और नट्स जैसे खाद्य पदार्थ विटामिन डी के अच्छे स्रोत होते हैं।” आपको बता दें कि अगर किसी व्यक्ति में विटामिन डी की कमी है तो कैल्शियम का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है ताकि शरीर द्वारा विटामिन डी अवशोषित किया जा सके।

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