शारीरिक अक्षमता मार्ग में बाधा नहीं: रक्षित ने देश भर में पाया तीसरा स्थान
शारीरिक अक्षमता मार्ग में बाधा नहीं: रक्षित ने देश भर में पाया तीसरा स्थान
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नोएडा: जब मंजिल और जज्बा ऊंचा हो, तो शारीरिक अक्षमता मार्ग में बाधा नहीं बनती. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने शनिवार को 12वीं के रिजल्ट की घोषणा की. इसमें समूचे भारत से दिव्यांग श्रेणी में नोएडा के रक्षित मलिक ने तीसरा स्थान सुनिश्चित किया है।

रक्षित ने 97.4 प्रतिशत अंक हासिल किए है. रक्षित का विजन मात्र 10 फीसदी है. यानि एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में वह केवल 10 प्रतिशत ही देखने में सक्षम है. उसे हिस्ट्री में पूरे 100 नंबर आए हैं. उसके इकोनॉमिक्‍स में 98, पॉलिटिकल साइंस में 96, साइकोलॉजी में 95 और इंग्लिश में 93 नंबर हासिल किए हैं।

उसने कुल 500 अंकों में से 482 अंक हासिल किए हैं. रक्षित की मां हाउस वाइफ है और पिता एक इलेक्ट्रिक शॉप चलाते है. रक्षित का बड़ा भाई रचित भी टॉप स्‍कोरर है और उसने इसी साल दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया है. रक्षित के स्कूल टीचर्स का कहना है कि वह स्कूल का बहुत ही होनहार छात्र है. वह हमेशा ही अलग-अलग गतिविधयों में हिस्सा लेता रहता है।

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