नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अपने एक बयान में दोहराया है कि उन्होंने अपने करियर के प्रारंभिक दिनों के अंतराल में सचिन तेंदुलकर का अनुकरण करने के लिये अपनी तकनीक में बहुत बदलाव किये थे. वीरेंद्र सहवाग ने आगे अपने बयान में कहा है कि, ‘‘जब मैं छोटा था तो मैंने दस और 12 ओवरों के कई मैच खेले थे. तथा इस दौरान में मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था तथा मुझे सिर्फ दस के आसपास गेंदें ही खेलने के लिये प्राप्त होती थी व मैं उनमें ज्यादा से ज्यादा बेहतरीन स्कोर बनाने की कोशिश को दोहराता था.
वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि मैंने अपने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी यही रवैया हमेशा से ही अपनाया और जनता मेरे स्ट्राइक रेट की प्रशंसा करते थे जो टेस्ट क्रिकेट में 80 या 90 से अधिक था. वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि ‘‘भारतीय खिलाड़ी टीम में सम्मिलत होने के लिये IPL में खेलते है. तथा मेने सोचा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद IPL में खेलने का कोई भी औचित्य नही रहता है. सहवाग ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से कोई युवा खिलाड़ी खेलने से वंचित रह जाए.
वीरेंद्र सहवाग ने इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी पर बोलते हुए कहा कि ‘‘महेंद्र सिंह धोनी कप्तानी के लिये एक सही व्यक्ति था और उसने कप्तान के रूप में बहुत अच्छी निर्णायक भूमिका निभाई. सहवाग ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह थी कि हमने विश्व कप जीता और दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम बने. वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि भारत की सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ में मेरे बहुत ही अच्छे संबंध हैं.