गरीब : बेटी मर गई, क्या क्रियाकर्म नहीं करोगे ?
गरीब : बेटी मर गई, क्या क्रियाकर्म नहीं करोगे ?
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रांची : रामगढ़ के डिमरा गांव की लखीमनी देवी ने 10 दिन पहले अपनी बेटी लीलू कुमारी को खोया है, लेकिन गांव वाले क्रियाकर्म का भोज लिए बगैर मान ही नहीं रहे हैं. इलाज में सबकुछ गंवा चुकी लखीमनी के पास भोज के लिए फूटी कौड़ी नहीं है. वह बुधवार को आर्थिक मदद के लिए मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और रणधीर सिंह के जनता दरबार पहुंची, लेकिन वहां भी उसे तात्कालिक मदद नहीं मिली.

सरकार से तत्काल आर्थिक मदद न मिलने से निराश लखीमनी मुख्यमंत्री सचिवालय में ही बेहोश हो गई. लीलू का पिछले नौ महीने इलाज चल रहा था और उसके इलाज में लखीमनी की पूरी जमापूंजी चली गई. इतने पर भी गांव वाले उससे क्रियाकर्म का भोज मांग रहे हैं. उसी भोज के लिए वह मंत्रियों के जनता दरबार में अपना लाल कार्ड लेकर पहुंची थी.

ठीक से हिंदी नहीं बोलने वाली लखीमनी ने किसी तरह मंत्री रणधीर सिंह को अपनी बात समझाई. मंत्री ने रामगढ़ जिले के उपायुक्त को उसका आवेदन फॉरवर्ड कर दिया और कहा कि वह डीसी से जाकर मिले, वही मदद करेंगे. लखीमनी वहां उपस्थित और लोगों को भी अपनी बात बताने की कोशिश करती रही, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. उसके साथ आई बड़ी बहन ने जो कहा उसे सुनकर सब हैरान रह गए.उसने बताया कि गांव वाले ताना देते हैं कि बेटी गई तो क्या क्रियाकर्म का भोज तक न कराओगी.

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