ड्रिलिंग मशीन मंगवाने पर एमआर आउटसोर्सिंग के जीएम की पिटाई
ड्रिलिंग मशीन मंगवाने पर एमआर आउटसोर्सिंग के जीएम की पिटाई
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धनबाद - कपूरिया प्रोजेक्ट में जमीन के बदले नियोजन व मुआवजा की मांग कर रहे ग्रामीणों के रविवार को हवा चानक के लिए ड्रिलिंग मशीन मंगवाने पर एमआर आउटसोर्सिंग के जीएम की पिटाई करने का मामला सामने आया है. इस मामले में दोनों पक्षों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है.

मिली जानकारी के अनुसार यह विवाद मशीन मंगाने को लेकर हुआ है. कपूरिया प्रोजेक्ट के लिए प्रबंधन ने आज हवा चानक के लिए ड्रिलिंग मशीन मंगवायी थी. मशीन आने की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण कार्यस्थल पर जमा हो गये और विरोध शुरू कर दिया. इसी क्रम में एमआर कंपनी के जीएम भुवनेश्वर गोप उर्फ पप्पू के साथ ग्रामीणों की झड़प हो गयी. मामला मारपीट तक पहुँच गया. दोनों पक्षों द्वारा पुलिस को शिकायत की गई.

इस घटना के बारे में जब जानकारी ली तो ज्ञात हुआ कि दरअसल काम शुरू होने से पहले वार्ता बैठक की जानी थी जो नहीं की गई. इसलिए विरोध हुआ. लोगों ने ग्रामीण एसपी एचपी जनार्दनन को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन के साथ वार्ता हुई थी कि काम कराने से पहले वार्ता-बैठक की जायेगी. फिर कैसे काम किया जा रहा है. इसके बाद एसपी ने कतरास पुलिस को तत्काल मामला देखने का निर्देश दिया.

पुलिस ने कंपनी के जीएम व स्थानीय ग्रामीणों को थाना बुलवाया. पुलिस ने जीएम गोप को वहां से मशीन हटवाने को कहा. इसके बाद गोप कार्य स्थल पर पहुंचे, मगर वहां काम करवाने का परमिशन होने की बात कहने लगे. इसके बाद ग्रामीण भड़क गये और उनकी पिटाई कर दी. जीएम गोप ने जहाँ गदारी मांगने, सोने की चेन छीनने, पॉकेट से पैसा निकालने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों के खलाफ शिकायत दर्ज करवाई, वहीँ ग्रामीणों ने कम्पनी के जीएम , उसके स्टाफ पर अन्य गुंडों को मंगवा कर ग्रामीणों के साथ मारपीट कर जख्मी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की.

जीएम का आरोप है कि यहां के लोग पूर्व से ही रंगदारी की मांग कर रहे हैं. कहते हैं कि यहां जब तक रंगदारी नहीं दोगे, आउटसोर्सिंग नहीं चलने दी जायेगी. उधर ग्रामीण बिना मुआवजा के काम शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं. जबकि केंद्रीय ग्रामीण समिति के अध्यक्ष हेमंत महतो का कहना है कि जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने बीसीसीएल से कपूरिया प्रोजेक्ट के बारे में रिपोर्ट मांगी है, ऐसे में कंपनी कैसे वहां काम करवा सकती है. मैंने राज्य के मुख्य सचिव, भू-राजस्व सचिव व उपायुक्त से बात की थी. बावजूद यहां जबरन काम कराया जा रहा है. यह ग्रामीणों के साथ ज्यादती है.

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