देश का पहला मामला: लाइसेंस के लिए पैरो से कार चला कर दिया ड्राइविंग टेस्ट
देश का पहला मामला: लाइसेंस के लिए पैरो से कार चला कर दिया ड्राइविंग टेस्ट
Share:

इंदौर/मध्य प्रदेश : कहते है की जब अगर हौसलों में जान और इरादा पक्का हो तो मंजिल तक पहुचने से आपको कोई नही रोक सकता है. ऐसी ही मिसाल पेश की है इंदौर शहर के विक्रम ने. विक्रम ने वो कर दिखाया जिससे की RTO ऑफिस के सभी कर्मचारी हैरान रह गए. विक्रम को कार चलाना तो आती थी लेकिन उसे लाइसेंस नही मिल रहा था. जिसका कारण था की विक्रम के दोनों हाथ नही थे.

इंदौर विजय नगर निवासी विक्रम अग्निहोत्री ने बगैर हाथ के कार चला कर शनिवार को परिवहन विभाग की कमेटी के सामने कार ड्राइव करके दिखाई.आईटीआई स्थित जिस ट्रैक पर कमर्शियल लाइसेंस के लिए ट्रायल होते हैं, उसी पर 7 साल की उम्र में अपने हाथ खो चुके विक्रम ने कमेटी को पैरों से गाड़ी ड्राइव करके दिखाई. विक्रम ने मई में कार खरीदी थी इसके बाद उन्होंने जून में विजय नगर RTO में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था. जिसके बाद उन्होंने ड्राइविंग टेस्ट भी दिया था. लेकिन परिवहन आयुक्त ने आदेश दिए कि एक कमेटी बनाकर विक्रम का दोबारा ट्रायल लिया जाए.

विक्रम विशेष कैटगिरी की जगह सामान्य कैटेगिरी के लाइसेंस की मांग कर रहा था जिसके कारण ऐसा किया गया . कमेटी का गठन होने के बाद उनका टेस्ट लिया गया. परिक्षण लेने वाली कमेटी कुछ ही दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगी

देश का पहला मामला;

घटना 1977 की है जब विक्रम महज 7 साल के थे तब उन्हें हाई-टेंशन लाइन से करंट लग गया था जिसके कारण उनके दोनों हाथ काटना पड़े. इसके बाद बिना हाथो के ही विक्रम ने स्विमिंग और फुटवाल खेलना भी सीखा. यह देश का पहला मामला है जब ऐसा कोई केस आया हो.

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -