फिज़ा में छाई विजया दशमी की धूम, शस्त्र पूजन कर मना रहे पर्व
फिज़ा में छाई विजया दशमी की धूम, शस्त्र पूजन कर मना रहे पर्व
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देशभर में आज विजयादशमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस पर्व को लेकर छोटे बच्चे अधिक उत्साहित हैं। बच्चों में धूम है। कोई रावण दहन की आतिशबाजी नज़ारा देखने की तैयारी में लगा है तो कोई नए परिधान मिलने की खुशी में चहक रहा है। बड़े - बुजुर्गों में भी खासा उत्साह बना हुआ है। लोग व्यंजन - पकवान बनाने में लगे हैं तो एक दूसरे को विजयादशमी पर्व की शुभकामनाऐं दी जा रही है। लोग सोशल नेटवर्किंग, मैसेजिंग और फोन के माध्यम से एक दूसरे को विजयादशमी पर्व की शुभकामनाऐं देने में लगे हैं। विजयादशमी के पर्व पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा विभिन्न स्थानों पर पथ संचलन निकाला जा रहा है।

यूं तो आरएसएस ने अपना मुख्य आयोजन नागपुर में किया मगर देशभर में आरएसएस पथ संचलन निकाल रहा है। दूसरी ओर विजयादशमी पर पुलिस विभाग द्वारा अपने शस्त्रों का पूजन किया गया। शस्त्र पूजन के ही साथ पुलिस वाहनों को साफ कर उनका भी पूजन किया । अधिकारियों ने वाहनों के रखरखाव की जानकारी ली। विभिन्न क्षेत्रों के पुलिस अधिकारियों ने शस्त्र पूजन के दौरान हवाई फायर भी किए। 

विजया दशमी का पर्व विजयोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। लोग अपने घरों को साफ कर पूजन की तैयारियां कर रहे हैं। इस दौरान घरों के वंदनवार सजाए जा रहे हैं। लोगों द्वारा अपने मकानों पर आकर्षक गेंदे और आर्टिफिशियल फूलों की लड़ें सजाई जा रही हैं। बाजार भी फूलों की सुगंध से महक रहा है।

हालात ये हैं कि गेंदा बमुश्किल ही मिल पा रहा है। लोगों द्वारा अपने वाहनों को साफ कर लिया गया है। लोग उनका पूजन भी कर रहे हैं। कई घरों में शस्त्रों और विद्या का व पुस्तकों का पूजन किया जा रहा है। इस दौरान विजय की कामना की जा रही है। कई ऐसे शहर भी हैं जहां रावण दहन के लिए लोगों द्वारा छोटे - छोटे पुतले निर्मित किए जा रहे हैं। इन पुतलों के दहन की तैयारी कर बच्चे आनंदित हो रहे हैं। तो दूसरी ओर कई शहरों में सार्वजनिक दशहरा उत्सव का आयोजन किए जाने की तैयारी की जा रही है।

कई ऐसे शहर हैं जहां राजसी ठाठबाट में दशहरा मनाया जा रहा है। मैसूर में दशहरे का आयोजन 600 वर्षों से हो रहा है। इस बार भी इस राज्योत्सव को मनाया जा रहा है। लोग स्वर्ण सिंहासन को देखकर खुश हो रहे हैं। इस आयोजन में सोने और अंबारियों से सजे हाथी भी नज़र आ रहे हैं। तो दूसरी ओर कुल्लू में पालकियों में सैकड़ों देवी - देवताओं द्वारा हजारों वाद्य यंत्रों से निकलने वाले गीत - संगीत व नृत्य करते श्रद्धालु उल्लासित नज़र आ रहे हैं।

यहां देशहरे पर देवी - देवताओं को निमंत्रित किया जा रहा है। ये सभी अपने क्षेत्र से यहां आ रहे हैं और फिर ढालपुर मैदान में रथ पर सभी देवी देवता प्रतिष्ठापित होंगे। सभी 7 दिन के लिए यहीं रहेंगे। श्रद्धालु 7 दिनों तक इनके दर्शन करेंगे। यहां तक आने के लिए देवी - देवताओं को नजराने की राशि प्रदान की जाएगी। बस्तर में भी दहशरे का पर्व उल्लास के साथ मनाए जाने की तैयारी चल री है। यहां मां दंतेश्वरी का पूजन किया जाता है और विशेष रथ आदिवासियों द्वारा तैयार किया जाता है। यहां रावण का दहन नहीं होगा।

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