कांग्रेस सरकार में विजय माल्या को मिले लोन, भाजपा उसे देश छोड़कर भागने से न रोक सकी
कांग्रेस सरकार में विजय माल्या को मिले लोन, भाजपा उसे देश छोड़कर भागने से न रोक सकी
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विजय माल्या, जो भारत से करदाताओं का 9000 करोड़ रुपए लेकर भाग गया। आज उसका जन्मदिन है। वो एक कारोबारी था, ये बात तो सभी जानते हैं लेकिन, क्या आप जानते हैं कि माल्या राज्यसभा का सदस्य भी रह चुका था। उसे राज्यसभा पहुंचने में कांग्रेस और भाजपा, दोनों ने मदद की। 2002 में माल्या कांग्रेस और जेडीएस की मदद से निर्दलीय सदस्य के तौर पर उच्च सदन में पहुंचा। 2010 में भी माल्या JDS और भाजपा की सहायता से राज्यसभा में निर्दलीय सदस्य बना। 

माल्या की जीत के बाद तत्कालीन सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि भाजपा कांग्रेस को हराना चाहती थी और माल्या निर्दलीय प्रत्याशी थे। 2005 में लॉन्च हुई माल्या की किंगफिशर को शुरु से ही बड़े नुकसान हुए। इसके बाद भी माल्या की कंपनी 2009 तक अपना विस्तार करती रही। पहले दिए गए लोन की रिकवरी किए बगैर बैंक माल्या को और कर्ज देते रहे। कुछ रिपोर्ट्स में दावा भी किया गया कि माल्या को यह लोन सरकार की सहायता से मिला। 17 बैंकों के कंजोर्शियम का माल्या की कंपनी पर 7 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज बाकी है, जो ब्याज लगने के बाद बढ़कर 9 हजार करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच चुका है। 

माल्या 2 मार्च 2016 को देश छोड़कर लंदन भाग गया। तब से अब तक केंद्र में भाजपा की सरकार है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अध्यक्ष राहुल गांधी का इल्जाम है कि माल्या देश छोड़कर जाने से दो दिन पहले अरुण जेटली से मिला था। राहुल के अनुसार, एक मार्च को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दोनों की मुलाकात हुई थी और कांग्रेस नेता पीएल पुनिया इसके गवाह हैं। हालांकि, भाजपा का दावा है कि एक मार्च 2016 को जेटली संसद ही नहीं गए थे। 

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