बंद कर दिया वो इंजीनियरिंग कॉलेज, जहाँ 5 गाय देकर पढ़ाई कर सकते थे गरीब बच्चे
बंद कर दिया वो इंजीनियरिंग कॉलेज, जहाँ 5 गाय देकर पढ़ाई कर सकते थे गरीब बच्चे
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पटना: बिहार के बक्सर जिले का एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज जो अपने अनोखे शुल्क मॉडल को लेकर बेहद मशहूर था, उसे बैंक का कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से बंद कर दिया गया है। आपको जानकर शायद आश्चर्य होगा, मगर यह सच है कि बक्सर के ‘विद्यादान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट कॉलेज’ में 4 वर्ष के बीटेक कोर्स के लिए 5 गायें देकर भी फीस चुकाई जा सकती थी। वर्ष 2010 में इस कॉलेज का सेटअप बक्सर के अंतर्गत आने वाले अरियाव गाँव में किया गया था। 

इस कॉलेज को DRDO के पूर्व वैज्ञानिकों एसके सिंह और अरुण कुमार वर्मा समेत रिटायर्ड और सेवारत पेशेवरों के एक समूह ने आगे बढ़ाने का कार्य किया था। इसमें बेंगलुरू स्थित डॉक्टर मयूरी श्रीवास्तव, सामाजिक कार्यकर्ता लाल देव सिंह और चार्टर्ड अकाउंट प्रदीप गर्ग भी शामिल थे। जब ये कॉलेज शुरू हुआ, तो ये पटना के आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से संबंधित संस्थान था। किन्तु कुछ समय बाद यह कॉलेज अपनी फीस को लेकर सुर्ख़ियों में आया, जब इसने फीस की जगह गाय लेने का ऑप्शन दिया। इस अनूठे फीस विकल्प ने लिए अरियाव के साथ आसपास के गाँवों में सनसनी मचा दी थी। इसके तहत बीटेक के प्रथम वर्ष में 2 गायें और बाद के 3 वर्षों में एक-एक गाय ली जाती थी। ये ऑप्शन उन लोगों के लिए था, जो वार्षिक 72,000 रुपए फीस नहीं दे सकते थे।

किन्तु, अब इस कॉलेज के 300 से अधिक स्टूडेंट्स का भविष्य अनिश्चित है, जिनमें से अधिकांश आस-पास के गाँवों से हैं। बैंक ने 5.9 करोड़ रुपए का कर्ज ना चुका पाने पर कॉलेज को सील कर दिया है। VITM के प्रमोटर एस के सिंह ने मीडिया को बताया है कि, 'हम में से कुछ, जिनमें DRDO के पूर्व वैज्ञानिक, डॉक्टर और चार्टर्ड अकाउंट शामिल हैं, मेरे गाँव में इस संस्थान को शुरू करने का विचार लेकर आए। यह बक्सर और वाराणसी के बीच एकलौता इंजीनियरिंग कॉलेज है।'

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