'उनकी ऐसा कहने की हिम्मत कैसे हुई..', राहुल गांधी के किस बयान पर भड़के उपराष्ट्रपति धनखड़ ?
'उनकी ऐसा कहने की हिम्मत कैसे हुई..', राहुल गांधी के किस बयान पर भड़के उपराष्ट्रपति धनखड़ ?
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नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार (9 मार्च) को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, वे यदि राहुल गांधी के संसद में माइक्रोफोन बंद करने वाली टिप्पणी पर चुप रहते हैं तो वह (धनखड़) संविधान के ‘गलत पक्ष’ में होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद करण सिंह की मुंडक उपनिषद पर लिखी पुस्तक के विमोचन के अवसर पर जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लंदन में की गई टिप्पणी पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि, 'दुनिया हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियों और कार्यात्मक, जीवंत लोकतंत्र की तारीफ कर रही है। वहीं, हममें से कुछ, जिनमें सांसद भी शामिल हैं, बगैर सोचे-समझे, हमारे सुपोषित लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुचित अपमान करने में लगे हुए हैं।'

राहुल गांधी ने सोमवार को लंदन में ब्रिटिश सांसदों से कहा कि लोकसभा में कार्य कर रहे माइक्रोफोन अक्सर विपक्ष के खिलाफ खामोश कर दिए जाते हैं। उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स परिसर के ग्रैंड कमेटी रूम में भारतीय मूल के दिग्गज विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि, 'हम तथ्यात्मक रूप से अपुष्ट आख्यान के इस प्रकार के मनगढ़ंत आयोजन को कैसे सही ठहरा सकते हैं। G20 का अध्यक्ष होने के नाते भारत गौरव की अनुभूति कर रहा है। हमें बदनाम करने के लिए देश के कुछ लोग अति उत्साह में काम कर रहे हैं। हमारी संसद और संविधान को कलंकित करने के लिए इस प्रकार के गलत अभियान को अनदेखा करना बहुत गंभीर और असाधारण है।'

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, 'कोई भी सियासी रणनीति या पक्षपातपूर्ण रुख हमारे राष्ट्रवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों से समझौता करने को जायज नहीं ठहरा सकता है। मैं एक महान आत्मा के सामने हूं। यदि मैं इस पर चुप रहूंगा तो, मैं संविधान के गलत पक्ष पर हूंगा। यह संवैधानिक दोष और मेरी शपथ का अनादर होगा।' जगदीप धनखड़ ने कहा कि इमरजेंसी भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय था, किन्तु लोकतंत्र अब परिपक्व हो चुका है और इसे दोहराया नहीं जा सकता। धनखड़ ने कहा कि, 'मैं इस बयान को कैसे पवित्र कह सकता हूं कि भारतीय संसद में माइक बंद कर दिया गया है? ऐसा कहने कि उनकी (राहुल गांधी) हिम्मत कैसे हुई? हमारे पास हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था इमरजेंसी की घोषणा। किसी भी लोकतंत्र का सबसे काला दौर हो सकता है। मगर, भारतीय लोकतांत्रिक सियासत अब परिपक्व हो गई है। इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो सकती है।'

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