'इस्लाम के नाम पर 1400 सालों से...',  नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर वरिष्ठ अधिवक्ता का बयान
'इस्लाम के नाम पर 1400 सालों से...', नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर वरिष्ठ अधिवक्ता का बयान
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नई दिल्ली: भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा मामले में शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने निराशा जाहिर की है। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा है कि नूपुर शर्मा ने पूरे देश में दर्ज मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर करने को लेकर याचिका दाखिल की थी, मगर इस पर शीर्ष अदालत के फैसले पर उन्हें निराशा हुई है।

आलोक कुमार ने कहा है कि नूपुर शर्मा महिला हैं और यह मामला बेहद संवेदनशील है। उनके 20-25 सेंकड की टिप्पणी पर जांच हो रही है, देश में कई जगह FIR दर्ज हुई है, पूरे देश में प्रदर्शन चल रहे हैं और नूपुर शर्मा की जान को भी खतरा है। अलोक कुमार ने सवाल किया कि जब मकबूल फ़िदा हुसैन के मामले में सभी मुकदमें एक जगह ट्रांसफर किए जा सकते थे, तो नूपुर शर्मा मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता? उन्होंने कहा कि नूपुर की सुरक्षा को खतरा है और इसलिए उन्हें शीर्ष अदालत द्वारा याचिका को खारिज किए जाने की वजह से निराशा हुई है। 

इसके साथ ही VHP के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि नुपुर दोषी है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट के सामने यह मुद्दा था ही नहीं। FIR के कंटेट और नूपुर शर्मा के दोषी होने या नहीं होने की सुनवाई का अधिकार मजिस्ट्रेट को ही है और उन्हें भी पूरी प्रक्रिया का पालन करना होता है। मजिस्ट्रेट की कोर्ट में गवाहियां दर्ज की जाती हैं, सुनवाई की जाती है और उसी आधार पर यह तय होगा कि नूपुर शर्मा दोषी है या नहीं। वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने अपने आधिकारिक Twitter हैंडल से इस संबंध में एक ट्वीट भी किया है, जिसमे उन्होंने लिखा है कि 'हमें बुद्धिमान बनाने के लिए #SupremeCourt को हमारा धन्यवाद, कि इस्लाम के नाम पर 1400 साल की आक्रामकता, हिंसा और हत्याएं #NupurSharama के बयान के कारण हुई है।' 

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