नई दिल्ली: SP की नेता जया बच्चन ने ये दावा करके नया विवाद खड़ा कर दिया कि यूपी के प्रयागराज में नदी का पानी इस वक़्त सबसे ज्यादा प्रदूषित है क्योंकि महाकुंभ भगदड़ के पीड़ितों के शव नदी में डाल दिए गए. उनके इस बयान पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कड़ी प्रतिक्रिया दे डाली और इसे दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया है. साथ ही साथ बयान को अस्थिरता को बढ़ावा देने वाला कहा है और उसने अपील की है कि जया बच्चन को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए.
VHP के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने इस बारें में बोला है कि उच्च पद पर बैठे सांसद का ऐसा बयान देश में अस्थिरता को बढ़ावा देने वाला है. झूठे बयान देकर सनसनी फैलाने के लिए जया बच्चन की गिरफतारी की जानी चाहिए. इतना ही नहीं महाकुंभ आस्था और भक्ति की रीढ़ है, जहां धर्म, कर्म और मोक्ष पाने के लिए डुबकी लगाते है और पूजा अर्चना करते है. करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाएं इस महान अनुष्ठानों से जुड़ी हुई है. इतना ही नहीं दिन संसद के बाहर पत्रकारों से वार्ता करते हुए जया बच्चन ने दावा किया कि इस वक़्त पानी सबसे अधिक कहां प्रदूषित है? यह कुंभ में है. भगदड़ में अपनी जान से हाथ धोने वालों के शव नदी में फेंका गया है, जिसकी वजह से पानी दूषित हो रहा है. कुंभ में वास्तविक मामलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और महाकुंभ में आने वाले आम लोगों के लिए कोई व्यवस्था तक नहीं की गई है और न ही उन्हें कोई विशेष सुविधा भी दी गई.
जया ने सरकार पर साधा निशाना कहा- सरकार संसद में बताए कि कुंभ में क्या हुआ: जया बच्चन ने कुंभ में श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बारे में उत्तरप्रदेश गवर्नमेंट के आंकड़ों पर भी प्रश्न उठा दिए है. उन्होंने इस बारें में बोला है कि वे झूठ बोल रहे हैं कि करोड़ों लोग उस स्थान पर आ चुके है, किसी भी वक़्त इतने बड़े आंकड़े में लोग वहां कैसे एकत्र हो सकते हैं? गवर्नमेंट को सच बताना चाहिए कि कुंभ में आखिर हुआ क्या था, इसे संसद में बताना चाहिए. प्रशासन ने पोस्टमार्टम न करके शवों को पानी में डाला गया था और हम संसद में जलशक्ति के ऊपर भाषण देने का काम कर रहे है. उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि देश में इस समय बहुत बड़ी परेशानी हुई है और वो कुंभ में हुई भगदड़ है. हजारों लोग चले गए हैं. गवर्नमेंट को सही नंबर बताने चाहिए और संसद में दोगली बातें नहीं करनी चाहिए. जनता के सामने बात कर सफाई देना चाहिए.
महाकुंभ में 30 नहीं बल्कि हुई ज्यादा लोगों की मौत: खबरों का कहना है कि बीते हफ्ते महाकुंभ में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की जान चली गई थी क्योंकि संगम पर मौनी अमावस्या के मौके पर दूसरे अमृत स्नान के लिए बड़ी तादाद में श्रद्धालु उमड़ पड़े गए. इस घटना ने प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए की गई व्यवस्थाओं पर गंभीर चिंता और प्रश्न भी उठा दिए है. महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर समापन होने वाला है.