सर्वोत्तम भोजन है शाकाहार
सर्वोत्तम भोजन है शाकाहार
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यह बहस सदियों से जारी है कि इंसान के लिए शाकाहार जरूरी है कि मांसाहार। अक्सर यह प्रश्न उठाया जाता है कि क्या हम इतना अन्न उगाते हैं जिससे धरती पर बसने वाले हर इंसान का पेट भरा जा सके। कभी हो सकता है कि अनाज कम पड़े, लेकिन क्या जिस गति से जंगल और समुद्र जीवों से रीते होते जा रहे हैं क्या उसका असर समूचे पर्यावरण पर नहीं पड़ रहा है। जाहिर है कि धरती पर जीवन को सुरक्षित रखना हमारी पहली प्राथमिकता है।

नए शोध के अनुसार, शाकाहारी होना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। जो लोग सब्जीयों से अधिक प्रोटीन प्राप्त करते हैं उनका रक्तचाप सामान्य रहता है जबकि मांस का अधिक सेवन करने वाले ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार होते हैं। स्वस्थ भोजन ही तन और मन को स्वस्थ रखता है। स्वस्थ भोजन से आशय है, वह भोजन जिसमें खनिज पदार्थ, प्रोटीन, कार्बोहाइट्रेड और विटामिन सहित कई पोषक तत्व हों। ये सभी चीजें समान अनुपात में हों तो भोजन शरीर के लिए अमृत बन जाता है। भोजन तभी स्वस्थ है जब तक प्राकृतिक हो।

संतुलित शाकाहारी भोजन शरीर को सभी पोषक तत्व प्रदान करता है। यही नहीं, वह हृदय रोग, कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, जोड़ों का दर्द व अन्य कई बीमारियों से हमें बचाता भी है। नए शोध के अनुसार, शाकाहारी होना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। जो लोग सब्जियों से अधिक प्रोटीन प्राप्त करते हैं उनका रक्तचाप सामान्य रहता है जबकि मांस का अधिक सेवन करने वाले ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार होते हैं। शोध के अनुसार उन लोगों में हाई ब्लड प्रेशर ज्यादा पाया गया जो मांस से अधिक प्रोटीन प्राप्त करते थे। अनुसंधान के अनुसार, शाकाहारी प्रोटीन में एमीनो एसिड पाया जाता है। यह शरीर में जाकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। सब्जियों में एमीनो एसिड के साथ-साथ मैग्नेशियम भी पाया जाता है। यह हमारे रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। 

अधिक मांसाहार करने वाले लोगों में फाइबर की भी कमी पाई गई है। फाइबर हमें अनाज से मिलता है। दाल, फलों का रस और सलाद से कई पोषक तत्व मिलते हैं। ये हमारे शरीर के वजन को भी संतुलित रखते हैं। ज्यादा मांसाहार मोटापा भी बढ़ा देता है। मांस में वसा की मात्रा बहुत होती है। हमारे शरीर को सबसे ज्यादा जरूरत होती है कार्बोहाड्रेट की। अगर आप सोचते हैं कि यह मांस में मिलेगा तो आप गलत हैं, क्योंकि मांस में कार्बोहाइड्रेट बिलकुल नहीं होता। यह ब्रेडएरोटीएकेले और आलू वगैरह में पाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट की कमी से मधुमेह जैसी बीमारियां हो सकती हैं। कैल्शियम शरीर को न मिले तो हमारी हड्डियां और दांत तक कमजोर हो जाते हैं। कैल्शियम कभी भी मांस से नहीं मिलता। यह दूध, बादाम और दूध से बनी चीजों जैसे दही-पनीर से मिलता है। 

हीमोग्लोबिन की कमी से व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो जाता है। इसका स्तर मांस के सेवन से कभी नहीं बढ़ता। यह हरी पत्तेदार सब्जियों, पुदीना और गुड़ आदि में अधिक मात्रा में पायाजाता है। भरपूर पौष्टिक खाना शरीर को ऊर्जा देता है जो मांस से नहीं मिल सकता। हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन k भी होता है। इसकी कमी से रक्तस्राव होने का डर रहता है। मनुष्य मूलत: शाकाहारी है। ज्यादा मांसाहार से चिड़चिड़ेपन के साथ स्वभाव उग्र होने लगता है। यह वस्तुत: तन के साथ मन को भी अस्वस्थ कर देता है। प्रकृति ने कितनी चीजें दी हैं जिन्हें खाकर हम स्वस्थ रह सकते है फिर मांस ही क्यों। अब तय आपको करना है कि शाकाहार बेहतर है या मांसाहार। इस नीले गृह पर जहां हम रहते हैं वहां से जीवों की कई प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो रही हैं। ऐसा सदियों से होता आ रहा है।

कई प्रजातियां इंसान के प्रादुर्भाव से पहले धरती को विदा कह गईं जबकि कई प्रजातियां हमारे सामने विलुप्त हो गईं। इंसान के लालच और जरूरत के चलते जिस गति से इन दिनों जंगलों से जैव विविधता नष्ट की जा रही है उसे देखते हुए लगता है कि जल्दी ही हमारा अस्तित्व ही संकट में आ जाएगा। इस धरती पर कई ऐसे इलाके हैं जहां अनाज नहीं उगता। वहां मांसाहार पर निर्भर रहना एक विवशता है। जिन इलाकों में अनाज बहुतायत से उगाया जाता है वहां ऐसी कोई मजबूरी नहीं होती। यह नितांत निजी प्रश्न है कि आपके लिए शाकाहार प्राथमिकता पर है या मांसाहार। आप जो चाहें चुन सकते हैं लेकिन धरती को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी आपकी ही है।

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