जहाँ एक तरफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को बिजली की समस्या से उबरने के लिए सभी विभागों के बजट से 15 फीसदी की कटौती का एलान किया है. वहीँ दूसरी तरफ राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी राज्य की विद्युत कम्पनियों को घाटे से बाहर निकलने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि इसके लिए वसुंधरा में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मदद की मांग भी की है.
इस मामले को देखते हुए उन्होंने आज नई दिल्ली में वित्त मंत्री से मुलाकात की है और विद्युत कम्पनियों की हालत को सही करने के लिए मदद का अनुरोध किया है. साथ ही आपको बता दे कि इस क्रम में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से सस्ती ब्याज दर पर ऋण एवं वित्तीय सहायता सबसे ऊपर रखी गई है.
मुलाकात के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली को वसुंधरा राजे ने इस बात से भी अवगत करवाया है कि जो बिजली कम्पनियों का घाटा पहले 21 हजार करोड़ रूपये था वह अब 73 हजार करोड़ पर पहुँच गया है.
जिसके कारण राजस्थान सरकार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजे ने यह भी खा है कि पारेषण एवं वितरण हानि को कम करने को लेकर भी कई अहम कदम उठाये गए है. सूचना और तकनीक की मदद से राज्य में पारेषण एवं वितरण हानि को 43 फीसदी से 27 फीसदी तक कम भी किया गया है.