बाथरूम बनाते वक़्त इन बातो का रखे विशेष ध्यान
बाथरूम बनाते वक़्त इन बातो का रखे विशेष ध्यान
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घर बनाते समय नक्शे में स्नानघर तथा शौचालय पर विशेष ध्यान दिया जाता है, परन्तु इसमें अतिमहत्वपूर्ण वास्तु नियमो की अनदेखी  की जाती है, जिनके कारण घर में अकारण कलह और अशांति बनी रहती है. वास्तु तथा फेंगशुई की कुछ टिप्स को काम में लेकर हम इन दोषों को पूर्णतया दूर कर सकते हैं.

1-वर्तमान में शौचालय और स्नानघर एक साथ बनाने का रिवाज चल पड़ा है जो वास्तु के हिसाब से पूरी तरह गलत है. जहां स्नानघर चन्द्रमा का कारक है, शौचालय राहू का स्थान है, दोनों को एक जगह मिलाने से घर में मानसिक चिंताएं और डिप्रेशन की बीमारियां शुरू हो जाती है. एक साथ बनाना हो तो भी कोशिश करें कि शौचालय स्नानघर में एक कोने में ही रहे न कि स्नानघर का मुख्य हिस्सा बने.

2-स्नानघर में आईना होना होना चाहिए परन्तु उसकी दिशा इस तरह हो कि नहाते समय या शौचकर्म से निवृत होने समय उसमें प्रतिबिंब न दिखें. यदि जगह की कमी के कारण ऎसा संभव नहीं हो तो शीशे को पर्दे से ढ़क कर रखें.

3-बाथरूम को फेंगशुई दोष से मुक्त रखने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखें, जैसे- बाथरूम के दरवाजे के ठीक सामने दर्पण न लगाएं. नहाने जाते वक्त हमारे साथ-साथ कुछ नकारात्मक ऊर्जाएं भी बाथरूम में प्रवेश कर जाती हैं. ऎसे में दरवाजे के ठीक सामने दर्पण लगा हुआ हो, तो यह ऊर्जा परावर्तित होकर पुन: लौट आती है.

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