कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र और प्रदेश की सरकार ने डीए फ्रीज कर कर्मचारियों के हितों को ही चोट नहीं पहुंचाई है, बल्कि अन्य तरीकों से मध्यम वर्ग को भी नुकसान पहुंचाया है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा ने संयुक्त पत्र जारी कर डीए फ्रीज करने को सरकार का तुगलकी फरमान करार दिया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की नेताओं ने कहा कि कोरोना से जूझ रहे योद्धाओं, सेना और पेंशनरों का डीए भी फ्रीज किया गया है। यह इनके मनोबल को कम करने जैसा है। नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ सरकारी कर्मचारियों का मसला नहीं है।इसके साथ ही सरकार लॉकडाउन के दौरान लगातार मध्यम वर्ग को नुकसान पहुंचा रही है।31 मार्च को राष्ट्रीय बचत की ब्याज दरों में करीब डेढ़ प्रतिशत की कटौती की गई। इसी तरह से एफडी की ब्याज दरों को घटाया गया, जिसका सीधा नुकसान मध्यम वर्ग को हुआ।
इसके साथ ही संयुक्त बयान में कहा गया है कि सरकार को अगर पैसे ही जुटाने हैं तो अपना फिजूल खर्च कम करे।वहीं प्रीतम सिंह के मुताबिक बुलेट ट्रेन से लेकर सेंट्रल विस्टा तक की योजनाओं के खर्च को सरकार ने कम नहीं किया।प्रदेश सरकार के सामने भी यह बेहतर मौका है कि वह अपने गैरजरूरी खर्च का आकलन करे और देखे कि बचत कहां और किस तरह से हो सकती है।
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