उतराखंड सरकार ढुंढ रही रामायण काल की औषधीय गुण वाली संजीवनी बूटी
उतराखंड सरकार ढुंढ रही रामायण काल की औषधीय गुण वाली संजीवनी बूटी
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देहरादून: रामायण में एक प्रसंग है कि जब राम ने लंका पर चढ़ाई कि तो रावण के पत्र मेघना द्वारा किया गया शक्ति बाण के प्रहार से लक्ष्मण मूर्च्छित हो गए। उन्हें बचाने का एक ही उपाय बताया गया और वो थी संजीवनी बूटी। कहा जाता है कि इससे सभी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। यह हिमालय की कंद्राओं में पाया जाता है।

उत्तराखंड सरकार अब इसी जड़ी-बूटी को ढुंढने में जुटी हुई है। आयुर्वेद, योग एंड नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्धा, और होम्‍योपैथी (आयुष) विभाग ने इसके लिए एक समिति गठित की है। यह हिमालयी राज्‍य उस बूटी का पता करने के लिए आर्थिक रूप से मदद करेगा। केंद्र सरकार ने इस काम के लिए पैसे देने से इंकार कर दिया है।

उत्तराखंड के आयुष मंत्री राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि हम इस शोध परियोजना पर स्वंय काम करेंगे। नेगी का कहना है कि दुनियाभर में पौराणिक पौधों का बाजार बढ़ रहा है। ऐसे में हम उस पौराणिक पौधे का पता लगाने की कोशिश कर रहे है। इस समिति में आयुर्वेद विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है, जो अगस्त से अपना काम शुरु करेंगे।

कहा जाता है कि उतराखंड औषधीय गुणों वाले पौधों का भंडार है और वन विभाग में 100 से अधिक चिकित्सकीय गुणों वाले पौधे है।

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