लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी परिवहन निगम की अर्थ व्यवस्था को दोबारा से खड़ा करने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भेजे गए इस प्रस्ताव 244.50 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मांगी गई है। इस धनराशि से परिवहन व्यवस्था के घाटे की भरपाई हो सकेगी।परिवहन मंत्री यशपाल आर्या की ओर से भेजे गए इस प्रस्ताव में 112.50 करोड़ रुपये निजी सार्वजनिक वाहनों को चलाने वाले चालकों और उनके सहायकों के लिए मांगे गए हैं।
ये सभी लॉकडाउन के बाद से बेकार हैं और गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।इनसे जुड़े संगठन फौरी आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग उठा रहे हैं। माना जा रहा है कि केंद्र से प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो सरकार हर चालक को पांच हजार रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दे सकती है।लेकिन यह राशि केंद्र द्वारा मंजूर पैकेज की राशि पर ही निर्भर करेगा। इसके अलावा केंद्र से उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों का वेतन खर्च भी मांगा गया है। लॉकडाउन के कारण रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से ठप है।
रोडवेज की कमाई जीरो हो गई है। प्रस्ताव में निगम के सभी स्थायी व अस्थाई कर्मचारियों की छह माह के वेतन के रूप में 132 करोड़ रुपये मांगे गए हैं।पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में से परिवहन विभाग से जुड़े लोगों की मदद के लिए आर्थिक सहायता की मांग की थी। उन्होंने लिखित प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था। प्रस्ताव भेज दिया गया है। हम आशा करते हैं कि केंद्र सरकार उदारतापूर्वक प्रस्ताव पर विचार करेगी और हमें आर्थिक पैकेज जारी करेगी।
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