कुमाऊंनी लोकगीतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले लोक गायक हीरा सिंह राणा का दिल्ली मेंं निधन हो गया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व लोक कलाकारों ने दुख जताया है। गढ़वाली- कुमाऊंनी,- जौनसारी भाषा अकादमी दिल्ली के पहले उपाध्यक्ष लोकगायक हीरा सिंह राणा का देर रात दिल्ली स्थित आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 16 सितंबर 1942 को अल्मोड़ा मनीला के डढोली गांव में जन्मे हीरा सिंह राणा का परिवार दिल्ली में रह रहा है। इसके साथ ही वह अपने पीछे पत्नी विमला और पुत्र हिमांशु को छोड़ गए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया। फरवरी 2020 में भारत सरकार संगीत नाटक अकादमी ने उन्हें अकादमी सलाहकार नियुक्त किया था।
उन्होंने उत्तराखंडी संस्कृति को रंगीली बिंदी, रंगदार मुखड़ी’, ‘आहा रे ज़माना’ आदि लोकगीतों के जरिए नई पहचान दिलाई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के महान लोक गायक व लोक संगीत के पुरोधा हीरा सिंह राणा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हीरा सिंह राणा के निधन से लोकसंगीत को अपूर्णीय क्षति हुई है।
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