कौशांबी: स्पर्श करके लोगों का उपचार करने की अफवाह से चर्चा में आए 6 साल के बच्चे गोलू का शनिवार को कौशांबी में डॉक्टरी परीक्षण किया गया। इस दौरान बच्चे के स्पर्श के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी के दफ्तर में लोगों की कतार लग गई। ऐसे में बढ़ती भीड़ के मद्देनज़र पुलिस को बुलाना पड़ा। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने के बजाय खुद अंधविश्वास में विश्वास करते हुए बच्चे का स्पर्श करने लगे।
दरसल, कौशाम्बी में जब एक अफवाह के चलते सुर्खियों में आया मासूम बच्चा शनिवार को अपनी मेडिकल जांच कराने जिला अस्पताल पंहुचा। बच्चे को देखते ही अस्पताल में यह बात जंगल की आग की तरह फैल गई कि इस बच्चे के स्पर्श से रोग ठीक हो जाते हैं। इसके बाद जो हुआ उसने पढ़े लिखे इंसान और अनपढ़ इंसान के बीच का भेद समाप्त कर दिया। जिला अस्पताल में बच्चे गोलू को सुरक्षा कारणों से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक सेठ के केबिन में ले जाय गया। जहां बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आरके निर्मल ने गोलू का मेडिकल चेकअप किया। डाक्टरी जांच के बाद तो बच्चे गोलू से स्पर्श पाने वालों के लिए जनसैलाब उमड़ आया।
सीएमएस के चेंबर में अस्पताल के मरीजों का हुजूम लग गया। मरीज तो मरीज अस्पताल के सरकारी हेल्थ कर्मचारी महिला पुरुष गोलू के हाथों का स्पर्श पाने को काफी आतुर नज़र आए। इतना ही नहीं भीड़ अनियंत्रित हुई तो अस्पताल में सीएमएस साहब के चेंबर में पुलिस को बुलानी पड़ी। पुलिस चेंबर में पहुं तो जरूर, किंतु भीड़ को नियंत्रित करने से पहले मंझनपुर पुलिस ने प्रभारी इंस्पेक्टर और अन्य पुलिसकर्मी बच्चे का स्पर्श पाकर अपना उपचार कराने में ही जुट गए। वहीं बच्चे का मेडिकल परिक्षण करने वाले डॉक्टर का कहना है कि बच्चा पूरी तरह सामान्य है और चमत्कारी स्पर्श वाली बात अफवाह है।
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