नई दिल्ली: शिवसेना ने एक बार फिर पाकिस्तान के कलाकारों का विरोध किया है। इसी सिलसिले में लोकप्रिय शायर गुलाम अली के कार्यक्रम को लेकर अखिलेश सरकार पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने कहा है कि उत्तरप्रदेश एक इस्लामिक राज्य है। राज्य सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति हेतु राष्ट्र विरोधी कारोबार प्रारंभ कर दिया है। शिवसेना द्वारा उनके सहयोगी भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा है।
पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित किया है कि भाजपा कई तरह की घटनाओं पर मूकदर्शक बनी रहती है। पार्टी ने इस मामले में मांग की है कि जिन लोगों द्वारा कार्यक्रम को लेकर अनुमति दी गई है उनके विरूद्ध राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए विवाद चलाना होगा। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में यह कहा गया है कि इस्लामी यादव सरकार ने गुलाम अली को हिंदू - मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने हेतु कार्यक्रम करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
हमारे देश में मुस्लिम कलाकार बहुत हैं जो बेहद लोकप्रिय हैं। इसमें यह कहा गया है कि विधानसभा चुनाव को स्मरण रखते हुए यादव सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति कर राष्ट्र विरोधी कारोबार प्रारंभ कर दिया है। उनका कहना था कि उत्तरप्रदेश कलाकारों की खान रही है। शिवसेना ने अन्य मसले को लेकर कहा कि यादव को पाकिस्तान के कोयले से उम्मीद है।
शिवसेना की संपादकीय में लिखा गया है कि अल्पसंख्यकों का वोट बैंक हासिल करने के लिए उनका तुष्टीकरण किया जा रहा है। शिवसेना ने उत्तरप्रदेश की राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि गुलाम अली को जवानों के परिजन के बीच अपनी प्रस्तुति देने की अनुमति दी गई तो फिर राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी।
शिवसेना द्वारा यह भी कहा गया था कि पठानकोट आतंकी हमले को भूलकर कलाकार गुलाम अली को आने देना चाहिए। तो फिर जो उन्हें आने दे रहे हैं वे गद्दार हैं। शिवसेना का कहना था कि पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद जारी है ऐसे में पाकिस्तानी कलाकारों का भारत आकर प्रस्तुति देना ठीक नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी पर टिप्पणी करते हुए शिवसेना ने कहा कि उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव में 71 सीट जीतने वाला दल इस तरह के शो को लेकर कुछ क्यों नहीं बोलता है। भारत के लिए आईएसआईएस मुश्किल कर रहा है तो दूसरी ओर उत्तरप्रदेश को इस्लामी राज्य बना दिया गया है। वे गुलाम अली का स्वागत कर रहे हैं और इसे इस्लामी राज्य बनने दे रहे हैं।