नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ दिनों दिन बढ़ते ही जा रहा है। केवल हाथरस, बलरामपुर, बुलंदशहर और भदोही की ही घटनाएं दहला देने वाली नहीं हैं। राज्य में विगत 5 वर्षों में नाबालिग बच्चियों संग हुईं ताबड़तोड़ वारदात भी बेहद भयवाह हैं. यूपी विधानसभा में रखे गए नाबालिग बच्चियों के साथ हुए अपराध के आंकड़े बताते हैं कि प्रति 5 घंटे में एक नाबालिग की अस्मत लूटी जा रही है. वहीं, हर दो घंटे के अंदर एक नाबालिग का अपहरण किया जा रहा है.
यही नहीं हर दो दिन में एक बच्ची का क़त्ल भी हो रहा है. हालांकि, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराधों को रोकने के लिए निरंतर मशीनरी के पेच कसने के साथ ही उसमें परिवर्तन ला रहे हैं. दर्जनों एनकाउंटर किए जा चुके हैं, इसके बाद भी अपराधी काबू में नहीं आ रहे हैं. 17 दिसम्बर 2019 को यूपी के विधानसभा सत्र के दौरान भी राज्य में बच्चियों के साथ होने वाले अपराध का मामला उठा था. MLA सुषमा पटेल ने यह मुद्दा उठाया था. सुषमा द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में यूपी सरकार ने बच्चियों के साथ होने वाले अपराध के आंकड़े पेश किए थे.
उन आंकड़ों के अनुसार, राज्य में एक जनवरी 2015 से 30 अक्टूबर, 2019 तक 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के अपहरण के 25,615 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, 9703 बच्चियों को दुष्कर्म का शिकार बनाया गया था. इतना ही नहीं बीते 5 साल में 988 बच्चियों का क़त्ल भी हुआ था. ये आंकड़े उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश किए गए थे.
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