लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के फाजिलनगर सीट से पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को मात देने वाले भाजपा MLA सुरेंद्र कुशवाहा अपने आप को नेता से अधिक शिक्षक मानते हैं। विधायक चुने जाने के बाद भी वह नियमित तौर पर शिक्षक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और स्थानीय पावानगर महावीर इंटर कॉलेज में सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ाते हैं।
एक साथ दो जिम्मेदारी निभा रहे MLA सुरेंद्र कुशवाहा बीते 23 वर्षों से शिक्षक का काम कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि वह चाहते तो स्कूल से अवैतनिक छुट्टी लेकर पांच साल तक MLA का सुख ले सकते थे, किन्तु उनके अंदर के शिक्षक ने उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दी। यही कारण है कि वह MLA होने के साथ शिक्षक की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और विधायक पद का वेतन नहीं लेने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि ऐसा उन्होंने अपने शिक्षक धर्म के लिए किया है।
विधानसभा के सत्र को लेकर उन्होंने कहा कि वह सत्र चलने के दौरान सदन में उपस्थित रहेंगे और जनता का भी काम करेंगे, किन्तु, MLA का वेतन नहीं लेंगे। उन्होंने खुद को मूलत: शिक्षक बताते हुए कहा कि बच्चों के बीच रहकर उनको पढ़ाना, उनकी समझाना और आगे बढ़ाना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। कॉलेज में वह छात्रों, अपने सहयोगी शिक्षकों और प्रधानाचार्य के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। जिस फाजिलनगर से वह विधायक चुने गए हैं, उसी सीट से 2012 से 2022 तक उनके पिता गंगा सिंह कुशवाहा MLA रह चुके हैं।
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