आप सभी को बता दें कि मागशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से पुकारा जाता है और इस दिन पूरे विधि - विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है इसी के साथ व्रत भी रखा जाता है. वहीं शास्त्रों की मानें तो इस दिन जो व्यक्ति पूरे विधि - विधान से भगवान विष्णु की पूजा कर उनके लिए व्रत रखता है उसे अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है और वह हर काम में सफल होता है.
तो आइए आज जानते हैं इस दिन क्या करना घोर पाप माना जाता है. कहा जाता है और पुरानी मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्री हरी विष्णु ने एकादशी का रूप धारण कर मुर नामक राक्षस का वध कर दिया था और भगवान विष्णु के एकादशी रूप में अवतरित होने के कारण ही इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. कहते हैं जो इंसान इस दिन व्रत रखता है उसे अश्वमेघ करने के बराबर फल मिलता है लेकिन आज के दिन भूलकर भी उसे यह गलती नहीं करना चाहिए वरना उसे सौ जन्मों का पाप मिल जाता है.
जी हाँ, ऐसा माना जाता है कि इस पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को भगवान विष्णु की आरती करने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करना चाहिए अगर ऐसा ना किया जाए तो बहुत बड़ा पाप होता है और यह भी कहते हैं कि कभी गलती से भी इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन चावल का सेवन करता है तो उसे किए गए व्रत का फल नहीं मिलता है और उसका व्रत निष्फल हो जाता है. वहीं इस दिन चावल खाने वाले को बहुत बड़ा पाप लगता है.
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