वाशिंगटन : अमेरिकी सीनेट में विश्व की छह महाशक्तियों के संयुक्त प्रयास से दो वर्ष तक चली मैराथन बातचीत के बाद हुए ईरान परमाणु समझौते को लेकर विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का विरोध प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. इस पर ख़ुशी जताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है की इतने सीनेटरों ने इस समझौते को उसकी गुणवत्ता के आधार पर परखा. यह प्रस्ताव केवल दो मतो से गिरा. बता दे की अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन सांसदों को इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए 60 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन वे 58 का ही समर्थन पा सके। 42 डेमोक्रेट सांसदों ने प्रस्ताव के खिलाफ मत देकर प्रस्ताव को रोक दिया. तथा इसे ओबामा की विदेश नीति की एक बड़ी जीत की तरह देखा जा रहा है. ओबामा ने कहा की सांसदों और नागरिकों के मजबूत समर्थन से वह काफी संतुष्ट हैं।
आज सीनेट ने एक काफी ऐतिहासिक कदम उठाया है। ऐसा मत दिया है जिसके बल पर हम अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ ईरान को परमाणु हथियार से वंचित करने वाले इस समग्र और दीर्घकालिक महत्व के समझौते को लागू कर सकेंगे। व विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का विरोध प्रस्ताव पारित नहीं से अब ओबामा की ओर से तैयार इस समझौते के लागू होने की संभावना काफी प्रबल हो गई है. गौरतलब है की पूर्व में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस और जर्मनी ने ईरान के साथ एक समझौता किया था। इसके तहत ईरान परमाणु हथियार नहीं बनाएगा और बदले में उस पर लगे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे।