योगी पर यूपी का भरोसा बरक़रार, UP PACS चुनाव में 7000 में से 6200 सीटों पर खिला 'कमल'
योगी पर यूपी का भरोसा बरक़रार, UP PACS चुनाव में 7000 में से 6200 सीटों पर खिला 'कमल'
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रविवार (19 मार्च) को प्राथमिक ‘कृषि साख सहकारी समितियों (PACCS)’ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ था, जिसमे भाजपा पर एक बार फिर जनता ने भरोसा जताया है। सूबे की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने 7000 समितियों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पदों में से 6200 पदों पर जीत दर्ज की है। प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो, इन चुनावों में भाजपा ने 88.5% सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है।

बता दें कि, पूरे यूपी की 7148 सहकारी समितियों में से 7000 समितियों पर अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष पद के लिए चुनाव कराए गए थे। इसमें 6200 से अधिक समितियों में भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है, तो वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) को 500 से अधिक सीटों पर जीत मिली। बता दें कि, समिति चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही था। PACS चुनावों के दौरान कई इलाकों से पथराव, तलवारबाजी और गोलीबारी की भी खबरें सामने आईं थी।

रिपोर्ट के अनुसार, सूबे की राजधानी लखनऊ की 81 प्राथमिक सहकारी समितियों में से 76 पर चुनाव हुए थे। इसमें से 61 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। वहीं, सपा को केवल 2 जीत से ही संतोष करना पड़ा, शेष 13 समितियों में निर्दलीय उम्‍मीदवार विजयी हुए। वहीं, मेरठ की 84 PACC समितियों में 5 पर अलग-अलग कारणों से चुनाव टालने पड़े। DCCB के अध्यक्ष ने बताया कि शेष बची सीटों में से आधे से अधिक पर भाजपा ने जीत हासिल की है। कई सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध ही चुन लिए गए। बंदायू जिले की सभी 132 समितियों में भाजपा प्रत्याशियों ने निर्विरोध जीत हासिल की। वहीं, लखीमपुर खीरी की 132 समितियों में से 2 समितियों के चुनाव निरस्त कर दिए गए। 92 पर निर्विरोध चुनाव हुए, जबकि बाकियों पर मुकाबला हुआ। जिले की अधिकतर सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की।

ऐसे ही बाराबंकी जिले की 123 समितियों में से 90 समितियों के चुनाव निर्विरोध पूरे हुए। बाँदा जिले में भी अधिकतर प्रत्याशी सर्वसम्मति से चुने गए। शाहजहाँपुर की 115 समितियों में से 111 पर भाजपा का कमल खिला। 3 सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में गईं। YAHAN एक समिति का चुनाव निरस्त कर दिया गया। अंबेडकरनगर की 90 समितियों में से 57 पर भाजपा ने जीत दर्ज की। यहाँ पिछली बार भाजपा महज 10 समितियों पर ही जीत सकी थी।

इस प्रकार पूरे यूपी की 7148 साख सहकारी समितियों में से 7000 समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर अधिकतर प्रत्याशियों को निर्विरोध चुन लिया गया। 6200 समितियों पर भाजपा के प्रत्याशी जीते, जबकि समाजवादी पार्टी को 500 से कुछ अधिक सीटों पर जीत के साथ ही संतोष करना पड़ा।

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