श्रमिकों को एक समान न्यूनतम वेतन संबंधी विधेयक संसद से पास
श्रमिकों को एक समान न्यूनतम वेतन संबंधी विधेयक संसद से पास
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नई दिल्लीः संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा ने मजदूरों का न्यूनतम वेतन और मजदूरी अदायकी में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने वाला मजदूरी संहिता विधेयक 2019 को पारित कर दिया है। बिल के अनुसार श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा और कारोबारी माहौल को आसान बनाया जाएगा।

श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा इसका लाभ देश के 50 करोड़ मजदूरों को होगा। विधेयक में चार श्रम कानूनों को समायोजित कर एक कानून बनाने, भुगतान और बोनस संबंधी मामले निपटाने का प्रावधान है। राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया, प्रत्येक मजदूर को सम्माजनक जिंदगी जीने का अधिकार है।

सरकार ने बिते लोकसभा के दौरान प्रवर समिति की ओर से दी गईं 24 में से 17 सिफारिशों को विधेयक में शामिल किया है। उन्होंने बताया कि राज्यों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे और केंद्र उसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा। एक त्रिपक्षीय समिति न्यूनतम वेतन तय करेगी जिसमें ट्रेड यूनियन, श्रमिक और राज्य सरकार के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।

इस वेतन को पूरे देश में लागू किया जाएगा जो हर श्रमिक का अधिकार होगा। इसमें मासिक, साप्ताहिक और दैनिक आधार पर वेतन भुगतान के मामलों को भी निपटाने में मदद मिलेगी। विधेयक यह भी सुनिश्चित करेगा कि श्रमिकों में लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।विधेयक के अनुसार वेतन को नए रूप से परिभाषित किया जाएगा। अभी अलग अलग स्तर पर वेतन की 12 परिभाषाएं हैं। आपको बता दें कि लोकसभा ने इस बिल को 30 जुलाई को ही पारित कर दिया था।

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