जिनीवा : अभी तक आप सुनते आ रहे होंगे असुरक्षित यौन संबंधों से बचें, सीरींज या निडील का उपयोग करते समय सुईयों को बदल लें और एचआईवी संक्रमित माता भी अपना ध्यान रखे, लेकिन अब आपको इन सभी परेशानियों से निजात मिल सकती है। जी हां, संभावना जताई जा रही है कि अभी तक लाइलाज मानी जा रही एचआईवी एड्स जैसी भयावह बीमारी का इलाज मिल गया है. माना जा रहा है कि वर्ष 2030 तक एड्स दुनिया से छू मंतर हो सकता है। मामले में कहा गया है कि एचआईवी के नए संक्रमणों को बीते 15 वर्षों में काफी कम कर दिया गया है। हालांकि भारत में तेजी से एड्स की भयावहता फैली है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2000 से 2014 के बीच एचआईवी संक्रमणों से 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है यही नहीं लगभग 83 देशों में नए मरीज तलाशे गए हैं। दूसरी ओर इस महामारी से दक्षिण अफ्रीका, भारत, मोजांबिक, नाइजीरिया और जिम्बाब्वे के लोग अधिक प्रभावित हुए हैं।
दरअसल इस रोग की भयावहता का सामाजिक पैमाना बहुत अधिक है लोग एड्स रोगी से कन्नी काटने लगते हैं और उसे सामाजिक तौर पर तिरस्कार झेलना पड़ता है. सामान्य तौर पर अब इस एड्स जैसे गंभीर विषय को युवाओं के बीच हंसी ठिठौली होने लगती है।