उत्तरप्रदेश : उमीदो के प्रदेश उत्तरप्रदेश में हत्या, लूट, खसोट के मामले आये दिन देखे जा रहे है. यूपी पुलिस की एक और अचम्भे में डालने वाले कारनामें की खबर मिली है. इरादतनगर के गांव सेवला अहीर में खेत पर कब्जे के विवाद में दर्ज कराए गए जानलेवा हमले के केस में पुलिस ने 17 साल पहले मरे हुए किसान को भी नामजद कर दिया. पुलिस ने एक दफा की जांच में तत्कालीन एसओ ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी. रिपोर्ट में तथ्यों व साक्ष्यों में गड़बड़ी मिली. अब पुलिस ने एक साल पश्चात फिर से इसी मुकदमे में जब्ती करने के लिए धारा 82 की कार्रवाई कर की जा रही है.
सेवला अहीर गांव के किसान केदारनाथ शर्मा के पुत्र राजेंद्र और संजय गांव में खेती का काम करता है. पिता केदारनाथ की जनवरी 1998 में स्वर्ग सिधार गए थे. खेत के पास ही गांव के सुशील शर्मा ने पट्टे पर जमीन खरीदी थी. संजय शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सुशील पक्ष के लोग उसकी खेती को भी हड़पने का प्रयास कर रहे है. इसको लेकर दोनों पक्षों में वाद- विवाद की स्थिति बानी हुई है. 28 जून 2013 को सुशील शर्मा ने खेत पर जुताई करने के समय विपक्षी राजेंद्र, केदारनाथ शर्मा, संजय, वेदराम, झिंगुरिया और महावीर के खिलाफ जानलेवा हमले और बलवे की धाराओं के तहत मुकदमा दायर किया है.
मुकदमे में संजय ने बताया कि हमलावरों ने जमीन हड़पने के लिए खेत की जुताई के दौरान पत्थर मारे और फायरिंग भी की. गांव के रहने वाले व्यक्ति ने केदारनाथ के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दायर की लेकिन उनकी मौत 16 वर्ष पहले ही हो चुकी थी.पुलिस ने बिना मामले की जांच पड़ताल किए मुकदमा दर्ज करके जांच करना शुरू कर दी. तत्कालीन विवेचक संजीव दुबे ने घटना की जांच में हमले की घटना झूठी साबित हुई. विवेचना के बाद मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर सीओ कार्यालय में पंहुचा दी गयी.
एसओ के थाने से हटने के बाद पुलिस ने पुनः जांच की और अब मुकदमे में नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से धारा 82 के तहत कार्यवाही की. पीड़ित राजेंद्र ने जानकारी दी है कि केदारनाथ के विरुद्ध भी पुलिस कुर्की की तैयारी कर रही है. उसने एसएसपी से इस मामले में शिकायत भी की है. एसपी देहात बबीता साहू का कहना है कि मामले की मामले की जाँच की जायेगी.