बिजनौर : एनआईए के अधिकारी तंजील अहमद के मर्डर केस में पुलिस का दावा है कि उनकी हत्या प्रॉपर्टी विवाद और व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण हुई है। इसमें आतंकी कनेक्शन नहीं है। इस मामले में लापरवाही बरतने के इल्जाम में एक चौकी प्रभारी और दो पुलिस कर्मियों को स्थगित कर दिया गया है।
दरअसल जिस व्यक्ति ने इस घटना की सूचना दी थी, उसे चौकी प्रभारी ने धमकी थी। अब तक की जांच के अनुसार, तंजील अहमद के पास जामिया नगर में एक दुकान थी, जिसे उन्होने अपने बहनोई को दे दी थी। इसमें कपड़ों की दुकान है। उस दुकान के बदले बहनोई ने अपना एक मकान अहमद को दे दिया।
फरवरी में उस मकान को बेचकर उन्होने एक नई दुकान 24 लाख रुपए में खरीदी। तंजील ने कोई ऐसी प्रॉपर्टी भी खरीदी थी, जिसमें उन्होने बेईमानी की थी। इसी कारण विवाद बढ़ा और उनकी हत्या की गई। पुलिस आज इस मामले से जुड़ी साजिश की कहानी का पर्दाफाश करेगी। पुलिस के सामने उनके ही गांव के एक शार्प शूटर का नाम सामने आया है।
जिसका नाम मुनीर अहमद है। उतर प्रदेश की डीजीपी जाविद अहमद ने मुनीर पर 50,000 रुपए की इनामी राशि की घोषणा की है। इतना ही नहीं मुनीर तंजील अहमद का करीबी बताया जा रहा है। तंजील के दिल्ली के जामिया नगर स्थित दुकान पर कब्जे से जुड़े विवाद को लेकर तंजील की हत्या के लिए मुनीर ने शार्प शूटर भेजे थे।
पुलिस ने सहसपुर के सीसीटीवी कैमरे से मिली तस्वीरों को देखने के बाद ही हत्यारों के नामों की पुष्टि की है। पुलिस ने पहले ही सहसपुर और बरेली से मुनीर के साथियों रेडान व जुनैल को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने अब तक 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की, तब जाकर पुलिस के सामने असली साजिशकर्ता मुनीर का नाम सामने आया।