यूपी के राज्यपाल ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश किये जारी
यूपी के राज्यपाल ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश किये जारी
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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को जबरन या धोखेबाज धार्मिक धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लाया। अध्यादेश में 10 साल तक की कैद और अलग-अलग श्रेणियों के तहत 50,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दिए जाने के चार दिन बाद उत्तर प्रदेश निषेधाज्ञा धर्म परिवर्तन अध्यादेश, 2020 के गैरकानूनी धर्मांतरण के अध्यादेश को मंजूरी मिल गई है, जो केवल शादी के लिए धार्मिक धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाता है।

अध्यादेश के अनुसार एक विवाह को "अशक्त और शून्य" घोषित किया जाएगा यदि किसी महिला का धर्म परिवर्तन केवल इस उद्देश्य के लिए होता है और विवाह के बाद अपने धर्म को बदलने की इच्छा रखने वालों को जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन करना होता है। इसमें एक प्रावधान भी है, जिसके तहत अगर कोई अपने मूल धर्म में लौटता है, तो उसे धर्मांतरण नहीं माना जाएगा।

कानून के उल्लंघन के मामले में अध्यादेश में कहा गया है कि अदालत रूपांतरण के पीड़ित को आरोपी द्वारा देय उचित मुआवजा प्रदान करेगी जो जुर्माना के अलावा अधिकतम 5 लाख रुपये तक हो सकती है। अध्यादेश कहता है कि कोई भी व्यक्ति किसी धर्म से दुराचार, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, खरीद-फरोख्त या किसी कपटपूर्ण तरीके से या विवाह के द्वारा या विवाह के द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धर्म परिवर्तन नहीं करेगा और न ही किसी को अपमानित करेगा। 

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