भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा परिषद को पूर्व युग की परिस्थितियों का नतीजा बताते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून को अवगत कराया कि भारत को शामिल करते हुए परिषद को अधिक प्रतिनिधित्व वाला बनाया जाए और यह सुधार एक निश्चित समय में लागू होने चाहिए।
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को पत्र में लिखा..बदले हुए सुरक्षा माहौल से उबरने से लेकर 2015 के बाद के विकास एजेंडे का असरदार तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तक, हम जो कुछ करना चाहते हैं, हमारी प्रासंगिकता और प्रभाव बड़े तौर पर संयुक्त राष्ट्र, खासकर इसकी सुरक्षा परिषद के आंतरिक सुधार पर निर्भर करेगी। मोदी 25 सितंबर को उच्चस्तरीय सतत विकास सम्मेलन को संबोधित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जायेंगे, मोदी ने बताया कि वर्तमान सुरक्षा परिषद ‘ बीते युग की परिस्थितियों का नतीजा है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे भरोसा है, जैसा कि हमने हमेशा किया है, हम अपनी जिम्मेदारियों को पूर्ण करेंगे । उन्होंने कहा कि गरीबी के सबसे घातक रूप अब भी मुख्या समस्याओं में शामिल हैं और इसके लिए सीधे, अत्यावश्यक और सतत हस्तक्षेप की जरूरत है।
गौरतलब है की मोदी के इस फैसले से आर्थिक समस्याओ के समाधान में ज़रूर कोई साहयता मिलेगी। बता दे की हल ही में मोदी ने कशी में सम्बोधन के दौरान कई योजनाओ को मुहैया करने का जिक्र किया है और साथ ही निजी सेक्टर पर बल देने की बात भी कही है ।