फर्जी यूनिवर्सिटीज को क्यों बढ़ावा दे रही केजरीवाल सरकार ? कहीं नया घोटाला तो नहीं
फर्जी यूनिवर्सिटीज को क्यों बढ़ावा दे रही केजरीवाल सरकार ? कहीं नया घोटाला तो नहीं
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नई दिल्ली: दिल्ली की AAP सरकार अपने शिक्षा मॉडल को लेकर अक्सर अपनी पीठ थपथपाती नज़र आती है, लेकिन देश में उच्च शिक्षा की नियामक संस्था ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)’ की एक रिपोर्ट ने इस शिक्षा मॉडल की पोल खोलकर रख दी है। दरअसल, UGC ने फेक यूनिवर्सिटीज की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें दिल्ली टॉप पर है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 8 यूनिवर्सिटी फर्जी पाई गई हैं। विपक्षी दल भाजपा ने सत्ताधारी AAP पर तंज कसते हुए कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने फर्जी यूनिवर्सिटी के मामले में दिल्ली को नंबर-1 बना दिया है। साथ ही AAP सरकार के कथित शिक्षा मॉडल पर भी पार्टी ने सवाल खड़े हैं।

 

Opindia की रिपोर्ट के अनुसार, इन्ही फर्जी यूनिवर्सिटीज में एक नाम AIIPPHS का भी है। इस वेबसाइट पर दिल्ली के सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की तस्वीर और उनके हस्ताक्षर वाला उनका पत्र भी मिला है। ‘ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एंड फिजिकल हेल्थ साइंसेज’ (AIIPPHS) नामक इन यूनिवर्सिटी को UGC ने फर्जी करार दिया है। केजरीवाल के आधिकारिक हस्ताक्षर वाले इस पत्र पर 18 दिसंबर, 2016 की तारीख़ दर्ज है, साथ ही इसमें उनकी तस्वीर भी है। इस पत्र में केजरीवाल के हवाले से लिखा गया है कि, 'मैं ये जान कर प्रसन्न हूँ कि All India Institute Of Public & Physical Health Sciences (AIIPPHS) अपनी पत्रिका लेकर आ रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इसके तहत स्टूडेंट्स को अपनी लेखक कला के प्रदर्शन का अच्छा अवसर मिलेगा और उन्हें उनके बेहतर भविष्य के लिए प्रेरणा मिलेगी। मैं इसके आने वाले प्रकाशन के लिए इसे शुभकामनाएँ देता हूँ।' इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर दिल्ली सरकार की मान्यता के दावे भी किए हैं।

AIIPPHS ने अपनी वेबसाइट पर एक सर्टिफिकेट भी पोस्ट कर रखा है, जो ‘दिल्ली स्टेट गवर्नमेंट पैरामेडिकल काउंसिल (दिल्ली राज्य सरकार परचिकित्सीय परिषद)’ का है। इस सर्टिफिकेट में लिखा है कि ये विश्वविद्यालय अपने कार्यालय से संचालित हो रहा है। कार्यालय का पता अलीपुर के BDO ऑफिस के पास का बताया गया है। इसमें ये भी लिखा है कि ये यूनिवर्सिटी परिषद के शिक्षा मानकों पर भी खरी उतरी है। 7 अप्रैल, 2021 को इसे मान्यता मिली थी, जिसे एक साल बाद, फिर एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि, जिस यूनिवर्सिटी को UGC ने फर्जी करार दे रखा है, उसे केजरीवाल सरकार मान्यता दे रही है, क्या इसके पीछे अधिकारीयों की मिलीभगत है ?  बता दें कि, दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया हैं, जो पहले से ही शराब घोटाले में CBI जांच का सामना कर रहे हैं, अब अगर शिक्षा विभाग में भी गड़बड़ी निकलती है तो उनकी समस्या बढ़ सकती है 

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