यूनिटेक को कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिया झटका
यूनिटेक को कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिया झटका
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नई दिल्ली : अब उन बिल्डरों के दिन लद गए जो जनता से राशि लेकर मकान भी नहीं बनाते थे और उन्हें रुपए भी नहीं लौटाते थे. इसके बावजूद उनका बाल भी बांका नहीं होता था. लेकिन अब इस मामले में देश की फ़िज़ा बदल रही है, नाकाम बिल्डर न केवल जेल पहुँच रहे हैं, बल्कि उन्हें राशि भी कोर्ट में जमा करवाना पड़ रही है. ताज़ा मामला यूनिटेक का सामने आया है, जिसका नियंत्रण नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने सरकार को सौंप दिया है. इस फैसले से यूनिटेक को बड़ा झटका लगा है.

उल्लेखनीय है कि यूनिटेक ने घर खरीददारों से 7,800 करोड़ रुपए ले रखे हैं, जबकि उसके 70 प्रोजेक्ट अधूरे हैं. इनमें अधिकांश गुड़गांव में हैं. ये 2008 में शुरू हुए थे. डिलीवरी दिसंबर 2011 से होनी थी. अधिपत्य नहीं देने पर कोर्ट ने 2014 में तीन संचालकों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था. 4,688 खरीददारों ने अपनी राशि वापस मांगी है.

बता दें कि यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा अप्रैल से जेल में हैं. बता दें कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने कंपनी का नियंत्रण सरकार को दे दिया है. शुक्रवार को ट्रिब्यूनल ने कंपनी के 8 संचालकों को सस्पेंड करने के साथ ही, सरकार को अपने 10 संचालक नियुक्त करने की भी मंजूरी दे दी.

ट्रिब्यूनल ने कंपनी मामलों के मंत्रालय से 20 दिसंबर तक संचालकों के नाम मांगे हैं. उसी दिन अगली सुनवाई होगी. ट्रिब्यूनल ने कंपनी के निलंबित 8 निदेशकों के निजी या कंपनी की संपत्ति बेचने पर भी रोक लगा दी है. हालाँकि ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद यूनिटेक के शेयर 20% बढ़कर 7.29 रुपए पर पहुंच गए.

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