नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे है। किसान संगठनों और किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में आज 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया है। बॉर्डर पर रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने उग्र रुख अख्त्यार कर लिया, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज करते हुए वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले का सहारा लिया।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा है की, हमारी सरकार किसानों के साथ है। किसानों के हित के लिए काम कर रही है। नए कृषि कानूनों को समय की जरुरत थी। आने वाले वक़्त में यह क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। हमने पंजाब में सचिव स्तर पर अपने किसान भाइयों की गलत धारणाओं को दूर करने के लिए चर्चा की है।
उन्होंने कहा है की, हम 3 दिसंबर को किसानों से बात करेंगे। नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों से आंदोलन न करने का आग्रह करते हुए कहा, हम मुद्दों के संबंध में बात करने और मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे संवाद का सकारात्मक नतीजा होगा। कृषि कानून के खिलाफ बढ़ते तनाव के बीच पंजाब में हरियाणा की बॉर्डर पर विभिन्न जगहों पर गुरुवार को हजारों प्रदर्शनकारी किसान जमा हुए।
सरकार ने किसानों के लिए दमनकारी नीति अपनाई तो विरोध करेंगे: सांसद बेनीवाल
बाजार में चमक, सेंसेक्स में 500 अंक की बढ़त
SIAC द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद फ्यूचर रिटेल के शेयर में आई 5 प्रतिशत की कमी