Feb 22 2016 11:38 AM
इस्लामाबाद : भाषा के दुरूपयोग के बारे में चेतावनी देते हुए यूनेस्को ने कहा है कि पाकिस्तानी स्कूलों में उर्दू का लगातार इस्तेमाल इस विविध जातीय देश को राजनीतिक तनाव की ओर ले गया है. यूनेस्को ने सिफारिश की है कि बच्चों को उसी भाषा में शिक्षा दी जाए जिसे वे समझते हैं. 'मातृ भाषा दिवस' के अवसर पर यूनेस्को ने एक नीति पत्र जारी करते हुए तुर्की, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश और ग्वाटेमाला में विविध जातीय समाजों का हवाला देते हुए यह बात कही.
यूनेस्को ने शुक्रवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के सरकारी स्कूलों में उर्दू भाषा को निर्देश भाषा की तरह लगातार इस्तेमाल किए जाने ने भी राजनीतिक तनाव बढ़ा है.
यूनेस्को ने कहा कि आजादी के बाद पाकिस्तान ने राष्ट्रभाषा के रुप में और स्कूलों में निर्देश भाषा के तौर पर उर्दू का इस्तेमाल स्वीकार किया था. लेकिन 6 बड़े भाषायी समूहों और 58 छोटे भाषायी समूहों वाले इस देश में उर्दू अलगाव की भाषा बन गई है.
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