नई दिल्ली : आजकल सभी की जुबान पर व्यापम घोटाले का भूत सर चढ़कर बोल रहा है तथा इस पर हो रही संदिग्ध मौतों से मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को भी चिंता में डाल दिया है. भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बाद अब केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने भी इशारो ही इशारो में इस केस की जाँच 'सक्षम' एजेंसी से जांच करवाए जाने की मांग की है। उमा भारती ने कहा कि मध्य प्रदेश व्यापम घोटाले में उन्हें एसटीएफ की जांच पर कोई शक नहीं है, मगर जिस तरह यह मामला इन मौतों के बाद और गहराता जा रहा है इस पर गंभीरता से देखते हुए सक्षम एजेंसी से जांच का रास्ता निकाला जाना चाहिए। उन्होंने सीबीआई का नाम तो नहीं लिया, मगर कहा कि अगर अभी भी सक्षम एजेंसी से जांच रास्ता निकल सकता है तो निकालना चाहिए।
जब उमा भारती से पूछा गया कि क्या व्यापम घोटाला मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए, उमा भारती ने कहा की यह मामला 'कोर्ट के अधीन है, इसलिए मैं यह नहीं बोल सकती। यह काम सरकार का है। मगर जिस तरह से अरुण जेटली जी ने कहा है कि व्यापम के मुद्दे पर निष्पक्ष रूप से स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए, उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा था कि मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जानी चाहिए। वहीं सोमवार गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट इस मामले की जांच से पूरी तरह संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि अगर हाई कोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट इस बारे में कोई निर्देश देगा, तो ही मामले को सीबीआई को सौंपा जाएगा।