गांधी ने बोस की हत्या के मामले में पैदा किया था भ्रम
गांधी ने बोस की हत्या के मामले में पैदा किया था भ्रम
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लंदन : ब्रिटेन की एक वेबसाइट ने दावा किया है कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस के मौत के मामलों में बनी परिस्थितियों पर भ्रम महात्मा गांधी ने पैदा किया था। सुभाष चंद्र बोस के अंतिम दिनों को लेकर ब्रिटेन में बनी इस वेबसाइट का कहना है कि एक विमान दुर्घटना में बोस की मौत की खबर के पांच माह बाद जनवरी 1946 में महात्मा गांधी ने कहा था कि उन्हें लगता है कि बोस जीवित है और सही समय पर वापस आएंगे।

www.bosefiles.info में कहा गया है कि गांधी के रुतबे को देखते हुए उनके इस कथन से भारत औऱ ब्रिटेन दोनों जगहों पर भ्रम पैदा हो गया है। साथ ही यह भी लिाक गया है कि गांधी ने अपने अखबार हरिजन के माध्यम से उसी साल मार्च में यह भी स्वीकार किया कि यह किसी की मृत्यु के बाद सहज प्रवृति थी, जिससे उन्हें लगा कि बोस जीवित है।

गांधी ने हरिजन में लिख कि मैंने जो कहा वो हर किसी को भूल जाने की अपील करता हूँ। जो सबूत हमारे समक्ष है, उसे देखते हुए ये मान लेना चाहिए कि नेताजी हमें छोड़ कर जा चुके है। 23 जनवरी 1947 को गांधी ने बोस के जन्मदिन पर लिखा कि देश की सेवा के खातिर उन्होने एक शानदार करियर की कुर्बानी दी है।

उन्होंने कहा कि 'कोई निर्बल व्यक्ति होता तो शायद चुनौतियों के सामने घुटने टेक देता, लेकिन उनका जीवन तुलसीदास की इस उक्ति को चरितार्थ करता है, 'समरथ को नहीं दोष गोसाईं'।' नेताजी की मौत को लेकर बरसों से चल रहीं अटकलों का जवाब देने के लिए यह वेबसाइट उनके जीवन के अंतिम दिनों की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेजों के प्रमाण पोस्ट करती रहती है।

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