उदयपुर: खूंखार आतंकी संगठन ISIS की तरह निर्मम तरीके से उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या मामले में बड़ा खुलाया हुआ है। पता चला है कि दो मुख्य आरोपियों गौस मोहम्मद और रियाज अटारी ने उन छह चाकूओं में से दो का इस्तेमाल कन्हैयालाल की हत्या के लिए किया था, जिन्हें अटारी ने ही तैयार किया था।
आरोपी से पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि अटारी ने 9 जून को बकरीद त्यौहर के लिए 6 बड़े चाकू बनाए थे और उसने इन्हें मोहसिन मुर्गेवाला नामक एक स्थानीय कसाई के पास रखा था। मोहसिन भी गिरफ्तार हो चुका है। दोनों मुख्य आरोपी कराची स्थित दावत-ए-इस्लामी संगठन के अनुयायी हैं। उन्होंने महोसिन की दूकान पर जाकर दो चाकू लिए और इस वीभत्स हत्याकांड को अंजाम देने में जुट गए। बाकी चार चाकू मोहसिन के पास से बरामद हुए हैं, जो कि खुद भी इस कट्टरपंथी मॉड्यूल में शामिल है।
जांच में पता चला है कि कन्हैया लाल की हत्या में शामिल गौस मोहम्मद व्यापारी था। उसने दो अन्य लोगों के साथ कराची स्थित दावत-ए-इस्लामी के मुख्यालय का दौरा किया था, जहां उनकी मुलाकात इसके सरगना इलियास कादरी से हुई थी। गौस, उमराह के लिए दो बार सऊदी अरब भी जा चुका है और वह बरेलवी इस्लाम का पालन करता है। गौस के साथ कराची जाने वाले दोनों संदिग्धों की भी शिनाख्त हो गई है, उन्हें भी जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
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