कराहल-भिंड: अपनी दिव्यांग बड़ी बहन के लिए छोटी बहन द्वारा प्रेम की अनूठी मिसाल पेश करने का मामला सामने आया है जिसमें छोटी बहन शादी के लिए तभी तैयार हुई जब उसका होने वाला पति बड़ी बहन को भी अपनाने को राजी हो गया|
भिंड जिले के कराहल ब्लाक के सोनीपुरा गाँव में हरजान और दुलारी के घर जन्मी बेटी भभूति के जन्म से ही दोनों हाथ ही नहीं है. माँ बाप बेटी के हाथ बने. भभूति ने भी हिम्मत नहीं हारी. बिना हाथ वाली भभूति ने पैरों से कापियां लिखकर 11 वीं तक की पढाई की. फिर भी माँ–बाप को चिंता बनी रहती, खासकर शादी को लेकर|
लेकिन छोटी बहन कविता ने अपनी बड़ी बहन के प्रति प्रेम की अनूठी मिसाल कायम की. कविता के लिए शादी के बहुत रिश्ते आए लेकिन उसने बड़ी बहन के कुँवारी रहते शादी न करने की बात कही. इस बीच कविता का रिश्ता नीमा पुत्र कन्हैया आदिवासी पहाड़ी राजस्थान से आया तो उसने शर्त रख दी कि वह बड़ी बहन के साथ ही फेरे लेगी|
नीमा ने कविता की बात मानते हुए एक ही मंडप के नीचे दोनों बहनों ने एक साथ फेरे लिए और कविता के साथ भभूति के गले में भी मंगलसूत्र डाला. एक सप्ताह पहले शादी होने के बाद बुधवार को जब दोनों बहनें पग फेरे के लिए मायके आई तो पूरा गाँव बधाई देने पहुंचा|