रोहतक हिंसा को काबू में न करने पर अधिकारियों पर गिरी गाज
रोहतक हिंसा को काबू में न करने पर अधिकारियों पर गिरी गाज
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चंडीगढ़ : हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर हिंसा होने और इसके बाद हिंसा को नियंत्रित न कर पाने को लेकर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और रोहतक के पूर्व आईजीपी श्रीकांत जाधव और डीएसपी को निलंबित कर दिया गया। हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि रोहतक के पूर्व आईजी श्रीकांत जाधव और रोहतक के दो डीएसपी अमित भाटिया को प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

इस मामले में सवाल पूछा गया कि आखिर इन अधिकारियों को किन आरोपों में निलंबित किया गया है। हालांकि इन अधिकारियों ने प्रारंभिक तौर पर कहा था कि रोहतक में आंदोलन और हिंसा को नियंत्रित करने का पूरा प्रयास किया गया था।

हालांकि इन अधिकारियों पर आरोप लगाए गए कि रोहतक में आंदोलन और संबंधित हिंसा नियंत्रित करने में कर्तव्यों का सही तरह से निर्वहन नहीं हो पाया। जिसके कारण अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार ने रोहतक रेंज के आईजी श्रीकांत जाधव को राज्य में जाट आंदोलन के बीच ही हटा दिया था। जाधव को मधुबन में आईजी राज्य अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो के तौर पर नियुक्त कर दिया गया।

हरियाणा सरकार ने 6 पुलिस अधिकारियों का तत्काल स्थानांतरण कर दिया। रोहतक और मेहम में जो अधिकारी थे वे भी इस कार्रवाई की जद में आए बताए जा रहे हैं। इस मामले में यह भी कहा गया है कि मेहम, रोहतक और गोहाना के डीएसजी सुरेंद्र सिंह, सुखबीर सिंह और विनोद कुमार के बीच बदलाव किया गया है।

सुरेंद्र सिंह अपनी तैनाती की गुरदयाल सिंह से अदला बदली भी करेंगे। गुरदयाल ने कहा कि वर्तमान में राज्य अपराध शाखा में डीएसपी के तौर पर वे नियुक्त हैं। दूसरी ओर विनोद कुमार को फरीदाबाद में सहायक पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्त कर दिया गया है। राजेश कुमार डीएसपी प्रथम आईआरबी भेंडसी को गोहाना का प्रभार देकर डीएसपी बनाया गया है।

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