भारत की कड़ी चेतावनी के उपरांत आखिरकार ट्विटर केंद्र सरकार के सामने नतमस्तक हो चुका है. ट्विटर ने फेक न्यूज फैलाने के केस में कारवां मैगजीन का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किया जा चुका है. बीते दिनों इंडिया ने ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर ट्विटर फेक न्यूज के केस में जांच नहीं करता है तो ट्विटर के विरुद्ध जांच की जाएगी.
ये जांच तब हुई है जब केंद्र ने ट्विटर से साफ बोला था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर अगर कथित 'किसान नरसंहार' से संबंधित ट्वीट्स को हटाने के लिए भारतीय गवर्नमेंट के हालिया आदेश का पालन कर रही है तो भारत में शीर्ष ट्विटर प्रबंधन को कड़ी दंडात्मक जांच का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें 7 वर्ष की कैद जुर्माना शामिल हो सकता है. यही नहीं इलेक्ट्रॉनिक्स आईटी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिस के अनुसार, जेल अवधि या जुर्माने के अतिरिक्त सरकार इंडिया में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को लोगों को भड़काने समाज में तनाव पैदा करने के उद्देश्य से आंदोलन को प्रेरित करने के लिए प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस में बोला गया है कि इसने अभियान को अप्रमाणित आधार पर समाज में दुरुपयोग, भड़काने तनाव पैदा करने के लिए प्रेरित कर दिया है. विभाग ने यह भी कहा कि नरसंहार के लिए उकसाना भाषण की स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए संकट है. यह कहते हुए कि ट्विटर ने गवर्नमेंट के आदेश के बावजूद एकतरफा तरीके से खातों ट्वीट्स को अनब्लॉक किया है, नोटिस में बोला गया है कि ट्विटर एक मध्यस्थ है गवर्नमंट के निर्देश का पालन करने के लिए बाध्य है. अगर ट्विटर नियमों का आदेशों का उल्लंघन करता है तो ट्विटर खुद के लिए कानूनी जांच को न्यौता दे रहा है.
After a stern warning from @GoI_MeitY Twitter has withheld and suspended the accounts which spread fake news related to #FakeFarmersProtest.
Arun Pudur February 5, 2021
Interfering in internal matters and regime change by #BigTech is a constant threat. We can't ignore it anymore @rsprasad Ji.
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