ग्वालियर: करगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ से पूर्व वायुसेना ने आज ग्वालियर एयरबेस पर टाइगर हिल पर हमले का प्रतिकात्मक ‘चित्रण’ और ‘आपरेशन विजय’ में उपयोग किए गए मिराज 2000 और अन्य लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन किया. भारत-पाकिस्तान जंग की जुलाई में 20वीं वर्षगांठ से पूर्व इस रणनीतिक एयरबेस पर एक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है, जिसमें एयरफोर्स चीफ बी एस धनोआ मुख्य अतिथि रहे.
रविवार को एयरफोर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रेस वालों को जानकारी देते हुए कहा था कि ग्वालियर में इस कार्यक्रम के दौरान कई गतिविधियों की योजना बनायी गई है. इसमें टाइगर हिल हमले का एक पुन: चित्रण किया जाएगा जो कि 1999 में करगिल युद्ध के दौरान घटित हुआ था. इसके साथ ही मिराज-2000 और हमले के दौरान उपयोग हुए अन्य विमानों का प्रदर्शन भी होगा.
बीस वर्ष बाद कारगिल और बटालिक की पहाड़ियों में एक बार फिर से भारतीय सैनिकों की वही ललकार गूंजेगी, जिसने पाकिस्तानी घुसपैठियों के दांत खट्टे कर दिए थे. बटालिक की खालूबार के अतिरिक्त द्रास में तोलोलिंग, टाइगर हिल और प्वाइंट 4875 पहाड़ियों के ऊपर सेना की वही बटालियनें उसी जोश और उत्साह के साथ चढ़ेंगी जिस जोश से 1999 के जून और जुलाई में चढ़ी थीं. द्रास के प्वाइंट 4875 को अब बत्रा टॉप कहा जाता है जहां कैप्टन विक्रम बत्रा ने शहादत दी थी.
#WATCH Commemorating 20 years of #KargilWar, Indian Air Force at Gwalior Air Base recreates Tiger Hill attack and display aircraft used during 'Operation Vijay'. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/K3kh4FPnXW
— ANI (@ANI) June 24, 2019
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